भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। एक और जहां देश में कोरोना का संकट एक बार फिर से सिर उठाने लगा है ऐसे में घनी आबादी वाले उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर में लोगों और पुलिस विभाग की लापरवाही घातक साबित हो सकती है। केंद्र व राज्य सरकार की अनिवार्य एडवाइजरी — दो गज दूरी, मास्क है जरूरी — के बावजूद भी न तो स्थानीय बाशिंदे और न ही पुलिस-प्रशासन इस बीमारी की भयावहता को लेकर गंभीर है।
बाजारों और सामाजिक कार्यक्रमों के दौरान लोग न ही दूरी रखने और न ही मास्क पहनने की अनिवार्यता का पालन कर रहे हैं। हैरत की बात यह है कि जिला पुलिस भी इस मामले में ढुलमुल रवैया अपनाए हुए है। जिले के कप्तान डीएस कुंवर और यहाँ तक कि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के सख्त आदेशों के बावजूद मास्क न पहनने वालों पर कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही सामाजिक दूरी के अनुपालन के लिए कोई प्रयास किया जा रहा हैं।
कुछ महीने पहले तक मास्क न पहनने से हजारों की संख्या में लोगों के चालान हुए हैं और अब जब कोरोना वायरस का प्रभाव राज्य और देश के अन्य राज्यों में खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है और कोरोना का लेवल एक बार फिर ऊपर आ रहा है तो दुर्भाग्यपूर्ण रूप से मास्क पहनने का लेवल नीचे आ रहा है। इन दिनों मास्क पहनने की प्रक्रिया में 100 में से मात्र तीस प्रतिशत लोग ही मास्क पहने हुए नजर आते हैं। गौरतलब है कि इस समय जो 30 प्रतिशत लोग मास्क पहनते हैं उनमे से अधिकतर जेब में मास्क रखते हैं और जहां चैकिंग हो रही होती है तो यह लोग जेब से मास्क निकाल कर पहन लेते हैं। मामलों का बढ़ाना हमेशा ही चिंता का कारण है। सिर्फ युवा ही संक्रमित नहीं हो रहे हैं, बल्कि गंभीर रोगों से ग्र्रसित बड़े लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं, जो चिंता की सबसे बड़ी वजह है। कोरोना से बचाव के उपायों का पालन करना जरुरी है। वैक्सीन आ गई है, लेकिन यह भी बचाव का एक साधन ही है। इसलिए मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखने और कम से कम सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने की जरूरत है। अगर लोग सार्वजानिक स्थानों पर दूरी नहीं रखेंगे तो संक्रमण बढ़ेगा ही। डॉ हरेन्द्र मलिक,, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला अस्पताल रुद्रपुर