भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। देश में हर तरफ होली की तैयारियाँ चल रही है। बाजार में जहां रंगो की दुकानें सजी है वहीं बाज़ार में आये पापड़ अपने स्वाद के रंग बिखेरने के लिए तैयार वह है। सिर्फ बाज़ारो में ही नहीं बल्कि घरों में भी महिलाओं ने पापड़ बनाने शुरू कर दिए है।
फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर मनाये जाने वाला रंग, गुलाल, पिचकरी और लजीज व्यंजनों का त्यौहार होली आ पहुंचा है। व्यंजनों में पकवान तो शामिल है लेकिन चिप्स और पापड़ के बिना होली बेस्वाद सी लगती है। जिसे ध्यान में रखते हुए हर बार की तरफ इस बार भी बाजार में चिप्स-पापड़ उपलब्ध हैं। इस बार बाजार में लोकल फॉर वोकल के साथ मेक इन इंडिया के उत्पादों की मांग ज्यादा है। पापड़ विक्रेता शकील ने बताया की लोगों की पहली पसंद साबूदाने और आलू के तीखे पापड़ है। उन्होंने बताया कि बच्चों की पहल पसंद कचरी और मैगी पापड़ है जिनकी कीमत 30 रूपये से लेकर 100 रूपये पाव तक है।आलू के दाम कम होने के कारण कई महिलाए घर में ही पापड़ बना रही है| ऐसी ही गृहणी संगीता ने बताया कि कोरोना काल होने के कारण इस घर पर ही पापड़ बनाये जा रहे है जिसे बजट और सेहत दोनों बने रहते है। बाज़ार में खरीदारों की स्थिति अभी सामान्य है। दुकानदारों का मानना है की दो-तीन दिन में बाजार में तेजी आएगी और समान की मांग बढ़ेगी।