भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। केंद्र सरकार द्वारा जिला उधम सिंह नगर के पंतनगर में कुमाऊँ के एकमात्र हवाई अड्डे के विस्तार की घोषणा के छह साल बाद भी इस योजना का क्रियान्वयन नहीं हो सका है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि विस्तारीकरण की योजना को पूर्व में तकनीकी दुश्वारियों के चलते पूरा नहीं किया जा सका था। लेकिन अब जिला प्रशासन द्वारा इस कार्य के लिए आवश्यक भूमि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को हस्तांतरित कर दी गई है। इस बीच सूत्रों ने कहा कि गेंद अब राज्य सरकार के पाले में है जिसे यह तय करना है कि प्रस्तावित हवाई अड्डा निजी अथवा सरकारी मोड में चलाया जायेगा।
ज्ञात हो कि पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार की घोषणा 2015 में की गई थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा लिए इस आशय के कई बैनर व होर्डिंग पंतनगर हवाई अड्डे पर लगाए गये थे। मगर जब योजना को लगभग चार वर्षों तक क्रियान्वित नहीं किया गया था तब एक स्थानीय निवासी भगवान दास ने हवाई अड्डे के विस्तार कार्य में कोई प्रगति नहीं होने की शिकायत करते हुए केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक पत्र लिखा। 16 जुलाई, 2019 को लिखे गए अपने पत्र में दास ने आरोप लगाया था कि संबंधित अधिकारी विस्तार योजना को अंजाम देने में विफल रहे हैं। अपने पत्र में दास ने बीते वर्षों में विभाग द्वारा की गयी सभी कार्रवाई के रिकॉर्ड भी उल्लेखित किये थे।
दास ने मंत्रालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था और शिकायत की प्रतियां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी भेजी थीं। जिसके बाद शासन ने 26 जुलाई 2019 को नागरिक उड्डयन के सक्षम अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। पंतनगर हवाई अड्डा प्राधिकरण के अधिकारियों ने उस समय कहा था कि योजना क्रियाशील है और उन्हें जिला प्रशासन द्वारा विस्तारीकरण के लिए जमीन उपलब्ध न कराये जाने के कारण कार्य लंबित हो रहा है।
वहीं सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार इस हवाई अड्डे के निजीकरण को विचार कर रही है। जिस कारण विस्तारीकरण में देरी हो रही है। उनके अनुसार देश भर में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रस्ताव के तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत हवाई अड्डे ऑपरेट किये जा रहे हैं। लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलौर, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी जैसे हवाई अड्डों को अडानी समूह को दिया गया है। इसी तर्ज पर पंतनगर हवाई अड्डे को भी पचास वर्ष की लीज पर दिया जा सकता है।
वही उधम सिंह नगर डीएम रंजना राजगुरु ने बताया की हवाई अड्डे के विस्तार के लिए आवश्यक भूमि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नाम पर हस्तांतरित कर दी गई है। बीते दिनों राज्य के अधिकारियों और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के विभाग के अधिकारियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मैं भी शामिल हुई थी। हवाई अड्डे के विस्तार में देरी का एकमात्र कारण यह है कि राज्य सरकार को अभी भी परिचालन के मोड और विस्तार से पहले हवाई अड्डे के मॉडल का फैसला करना है।
वही पंतनगर हवाई अड्डा के निर्देशक राजीव पुनेठा ने कहा की पिछली योजना तकनीकी परेशानी के कारण टल गई थी। पंतनगर औद्योगिक क्षेत्र के पास और किच्छा शहर की ओर फैली हुई लगभग 1100 एकड़ भूमि को हवाई अड्डे के विस्तार के लिए चिह्नित किया गया है। पूर्व में हवाई अड्डे का विस्तार सन्निहित भूमि पर किया जाना था। लेकिन हाथी कॉरिडोर, रेलवे संपत्ति और वन्य भूमि पर प्रतिबंधों जैसी समस्याओं के के कारण योजना को रोक दिया गया था।