6 C
London
Monday, December 23, 2024

किसानों ने लोहड़ी की अग्नि में दहन की कृषि क़ानूनों की प्रतियाँ

- Advertisement -spot_img
spot_img
spot_img
रुद्रपुर।  उत्तर भारत के प्रमुख पंजाबी पर्व लोहड़ी के अवसर पर तराई के किसान सड़कों पर उतर आये। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि क़ानूनों की प्रतियाँ लोहड़ी की अग्नि में दहन कर अपने रोष का इजहार किया। आलम यह था कि सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनरत किसानों को मातृशक्ति और बच्चों का भी भरपूर साथ मिला। इससे पूर्व सभा भी की गयी और मार्च भी निकाला गया जिसमे केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया गया।
उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर पर लोहड़ी का पर्व ऐतिहासिक बन गया। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत देशव्यापी विरोध आह्वान के चलते गल्ला मंडी में दोपहर से सैकड़ों किसान जुटने शुरू हो गये। यहाँ महिलाएं व बच्चे भी भारी संख्या में पहुंचे। किसानों ने यहाँ सभा आयोजित की और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भडास निकाली। तराई किसान सभा के अध्यक्ष तेजेंदर सिंह विर्क ने कहा कि बीते 49 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर लाखों किसान भीषण ठंड में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पचास से ऊपर किसान स्वास्थ्य कारणों से शहीद हो चुके हैं मगर सरकार को देश के किसान की चिंता नहीं है। देश के चुनिंदा उद्योगपतियों को मदद करने के लिए कृषि क्षेत्र को गिरवी रखने के प्रयास किये जा रहे हैं। किसान सुरमुख सिंह विर्क ने कहा कि लोहड़ी के पर्व पर पंजाबी समुदाय अग्नि में आहुति देता है। उसी तर्ज पर कृषि कानूनों की आहुति देते हुए यह संकल्प लिया गया है कि इन कानूनों को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जायेगा।
जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष संदीप चीमा ने कहा कि मोदी सरकार तानाशाही पर उतर आई है। देश के लाखों किसान इन क़ानूनों के खिलाफ हैं मगर सरकार गूंगी-बहरी हो चुकी है।  बिगवाडा गाँव की बुजुर्ग महिला बीबी हरभजन कौर ने कहा कि किसान के लिए उसकी जमीन माँ होती है। नए कृषि कानून से मोदी सरकार किसान से उसकी माँ छीनने का षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ उनकी माँ-बहन और बच्चे भी हैं और वह हार नहीं मानेंगे।
इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी जुलूस की शक्ल में गाँधी पार्क की ओर बढे। मुख्य बाजार से गुजरते किसानों को व्यापारियों का भी सहयोग मिला और सैकड़ों की संख्या में व्यापारी भी मार्च में शामिल हो गये। इसके बाद बाटा चौक पर लोहड़ी प्रज्ज्वलित की गयी और सभी किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियों को उसमे दहन कर दिया।
Latest news
Related news
- Advertisement -spot_img

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »