भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। एसओजी द्वारा बरामद शराब की कीमत 1.20 करोड़ रूपए आंकी गई है। वही पांच साल से बंद गोदाम में शराब पड़े होने पर आबकारी विभाग की भूमिका की जांच भी पुलिस करेगी। मामले में पुलिस ने अनुबंधकर्ता कंपनी के मालिक को भी आरोपी बनाया है। जिसको भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
पुलिस कार्यालय में मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी दलीप सिंह बोरा ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर एसओजी ने ग्राहक बनकर शराब बेचने वाले बहेड़ी निवासी रबि सिंह को गिरफ्तार किया था। जिससे पूछताछ में एसओजी को एक बंद गोदाम से करीब तीन हजार पेटी अवैध शराब बरामद हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने रबि सिह और अनुबंधकर्ता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। वही जांच में पुलिस को पता चला कि वर्ष 2016 में देहरादून की एक कंपनी से मंडी का शराब आपूर्ति का अनुबंध हुआ था। वर्ष 2017 में कंपनी गोदाम में ताला लगाकर चली गई थी। तब से गोदाम बंद पड़ा था। बताया जा रहा कि कंपनी के ऊपर मंडी की करीब एक करोड़ की देनदारी भी थी और उसने अपना अनुबंध भी आबकारी विभाग से रेन्यूवल नहीं कराया था। अवैध शराब कुआवाला पोस्ट हरावाला देहरादून निवासी रामेश्वर हवेलिया की है। उधर बीते पांच साल से बंद पड़े गोदाम पर पूर्व में काम करने वाला आरोपी युवक रबि सिंह नौकरी करता था। जिसे बंद गोदाम में शराब की जानकारी थी। उसने गोदाम के छत के टीन हटाकर वहां से शराब बेचना शुरू कर दिया था। जिसके बाद से वह लगातार शराब माफिया को शराब तस्करी कर रहा था। जिसकी सूचना पर एसओजी टीम ने ग्राहक बनकर उससे आठ पेटी शराब की मांग की। जिसके बाद उसने गोदाम के बाहर ग्राहक बनी एसओजी की टीम को आठ पेटी शराब उपलब्ध कराई थी। जिसे गिरफ्तार कर टीम ने इस प्रकरण का भंडा फोड़ किया था। मामले में एसएसपी ने बताया कि इतने सालो से बंद पड़े गोदाम में शराब होने के बाद आबकारी विभाग ने क्या कार्यवाही की। इसकी भी जांच की जाएंगी। बताया कि गोदाम से अवैध बीयर अलग-अलग मार्का की कुल 2275 पेटी व अवैध अंग्रेजी शराब अलग-अलग मार्का की 1600 पेटी बरामद की है। जिसकी कीमत करीब 1.20 करोड़ रूपए आंकी गई है। वही इस मामले में पुलिस ने आपूर्तिकर्ता कंपनी का मालिक रमेश्वर हवेलिया अभी फरार है। जिसकी भी जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी।