रुद्रपुर। गाहे-बगाहे शासन-प्रशासन की आम जन मानस के प्रति उदासीनता से हम दो-चार होते ही रहते हैं मगर यही लापरवाही जब काल-कलवित हो चुके लोगों के साथ भी की जाए तो इसे संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा। उधम सिंह नगर जिले में कमोबेश यही हाल है जहाँ अज्ञात लाशों व पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे जाने वाले शवों का कोई पुरसाहाल नहीं है।
जनपद उधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय रुद्रपुर में स्थित मोर्चरी (शव गृह) इस उदासीनता और संवेदनहीता का जीता जागता उदाहरण है। हालत ये है कि शवों को अंतिम संस्कार से पूर्व मानवीय सम्मान दिए जाने की नीयत से बनाया गया यह शव गृह खुद ही अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहा है।
रूद्रपुर स्थित मोर्चरी के एक कर्मचारी ने बताया कि मोर्चरी में लावारिस शवों की पहचान नहीं होने पर उन शवों को नियमानुसार तीन दिन के लिए रखा जाता है। इस दौरान शव खराब न हो तो बर्फ लगाकर रखना पड़ता है। जोकि गर्मियों में बहुत ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। पिछले कुछ महीनो से शव रखने के लिए नए फ्रीज तो मिले है लेकिन विद्युत् कनेक्शन नहीं होने की वजह से यह मोर्चरी में शोपीस ही बने हुए है। जिसकी वजह से दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। वही मोर्चरी में विद्युत व्यवस्था का उचित प्रबंधन नही है लाइट जाने पर कर्मचारियों को जनरेटर का जुगाड़ करना पड़ता है। कर्मचारियों का कहना है कि इन अव्यवस्थाओं के बार में सक्षम प्राधिकारी जिला अस्पताल में कई बार पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। लेकिन उसके बावजूद अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
मेरे संज्ञान में मामला नहीं है कि फ्रीजर अब तक क्यों नहीं स्थापित किये गए। फिलहाल संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर जल्द ही आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
डा. आरएस सामंत, पीएमएस, जिला अस्पाताल