भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड के नैनीताल में खैरना और गरमपानी से होकर गुजरने वाली शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों की एक बार फिर से नींदें उड़ गई हैं। दो दिनों से लगातार हो रही बरसात के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर विनाशकारी रूप लेता जा रहा है। क्षेत्रवासी वर्ष 2021 में 17 और 18 अक्टूबर के उस भयावह पल जिसमें शिप्रा नदी ने उनके घरों के एक हिस्से को बहा दिया था, याद कर सिहर उठते हैं। नैनीताल जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में दो दिनों से लगातार हो रही बरसात से नदियों का जलस्तर सामान्य से कहीं ऊपर बहने लगा है। लगातार बरसात के कारण बीती 17 सितंबर को भी इसी तरह का नजारा देखने को मिला था जब क्षेत्रवासी किसी अनहोनी की आशंका को लेकर रातभर अपने घरों की छतों में खड़े होकर नदी के तेज बहाव पर नजरें रखे रहे। शुक्रवार की रात और आज सवेरे भी नदी का जलस्तर असामान्य तरीके से बढ़ने से क्षेत्रवासियों की चिंताएं बढ़ गई। ग्रामीण एक बार फिर से आज सवेरे चार बजे से नदी के बहाव पर नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि पानी बढ़ने के बाद उन्हें अपना घर छोड़कर कहीं सुरक्षित जगह निकलना पड़ेगा।
नैनीताल जिले में भवाली से अल्मोड़ा की तरफ जाने वाले राष्ट्र राजमार्ग 87ई में पड़ने वाले खैरना गरमपानी के पास शिप्रा नदी ने पिछले वर्ष रौद्र रूप धारण कर कहर ढाया था। वर्ष 2021 में 17 और 18 अक्टूबर को नदी ने जलस्तर ने सामान्य से कहीं ऊपर जाकर आसपास के मकानों और सुरक्षा दीवारों को ताश के पत्ते की तरह बहा दिया था। क्षेत्रवासी प्रशासन से इस क्षेत्र की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
इस क्षेत्र में जिले की सबसे ज्यादा 122 एम.एम.बरसात हुई है जबकि नैनीताल में पिछले 24 घंटों में दूसरे नंबर पर 103 एम.एम.बरसात हुई है।