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Sunday, December 22, 2024

मंगल ग्रह पर ऊर्जा के श्रोत की महत्वपूर्ण खोज

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भोंपूराम खबरी

मंगल ग्रह पर खोजा ऊर्जा का नया श्रोत

लाल ग्रह मंगल पर घर बसाने की चाह में वैज्ञानिक उन सभी जरूरतों की तलाश कर रहे हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक है। जीवन यापन की दिशा के ऊर्जा एक महत्त्वपूर्ण जरूरत है। जिसकी पूर्ति के लिए वैज्ञानिकों के पवन ऊर्जा के रूप में एक श्रोत खोज निकाला है। यह ऊर्जा मंगल पर जीवन बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस खोज को वैज्ञानिकों ने 23 अप्रैल को उजागर किया है।

नासा के एम्स मार्स ग्लोबल क्लाइमेट मॉडल के जरिए किया शोध

शोधकर्ता वैज्ञानिकों के अनुसार नासा एम्स मार्स ग्लोबल क्लाइमेट मॉडल का उपयोग कर कर यह खोज की गई। अध्ययन के अनुसार पवन ऊर्जा मंगल ग्रह पर मानव मिशनों को शक्ति देने में मदद कर सकती है, जो कि लाल ग्रह पर पवन टरबाइनों द्वारा उत्पन्न होने वाली पवन ऊर्जा की अल्पकालिक और मौसमी परिवर्तनशीलता की गणना करती है। नासा के विक्टोरिया हार्टविक के नेतृत्व में, अनुसंधान दल का सुझाव है कि हवा अपने आप पर्याप्त ऊर्जा की आपूर्ति कर सकती है या सौर या परमाणु ऊर्जा के संयोजन में उपयोग की जा सकती है।

मंगल पर जीवन को लेकर अभी तक हो चुके हैं कई अध्ययन

पिछले अध्ययनों में पानी की जरूर व आश्रय की उपलब्धता सहित भौतिक संसाधनों पर कई शोध हुए। मंगल ग्रह के ऊर्जा स्रोतों के रूप में सौर और परमाणु ऊर्जा पर काफी शोध किया गया है। परमाणु ऊर्जा मानवीय जोखिम हो सकता है। सौर प्रणालियों के वर्तमान मॉडल में दिन/रात के उत्पादन में मौसमी विविधताओं की भरपाई के लिए ऊर्जा भंडारण क्षमता का अभाव माना है। जिस कारण स्थिर ऊर्जा उत्पादन के लिए पवन जैसे वैकल्पिक स्रोत अहम हो जाता है। मंगल ग्रह पर यह अन्य ऊर्जा की तुलना सार्वाधिक उपयोगी हो सकती है।

पवन ऊर्जा कम बलवान, लेकिन फिर भी उपयोगी

वायु ऊर्जा सबसे अधिक कुशल तब होती है जब वातावरण सघन होता है, लेकिन मंगल के कम वायुमंडलीय घनत्व का मतलब है कि ग्रह पर हवा पृथ्वी पर हवा की तुलना में काफी कम बल पैदा करती है। इस कारण से, मंगल ग्रह की हवा को व्यवहार्य ऊर्जा संसाधन के रूप में नहीं माना गया था। हार्टविक और उनके सहयोगियों ने इस धारणा को चुनौती दी है और दिखाया है कि सौर ऊर्जा में दैनिक और मौसमी उतार-चढ़ाव की भरपाई पवन ऊर्जा द्वारा की जा सकती है।

पवन ऊर्जा व्यवधानों से परे है

खोज करने वाले वैज्ञानिक हार्टविक का कहना है कि वे “यह जानकर हैरान थे कि मंगल के पतले वातावरण के बावजूद, हवाएं अभी भी इतनी तेज हैं कि वे मंगल की सतह के बड़े हिस्से में बिजली पैदा कर सकें”। अध्ययन से पता चलता है कि हवा बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सौर जैसे अन्य ऊर्जा संसाधनों के संयोजन में काम कर सकती है। यह विशेष रूप से स्थानीय और वैश्विक धूल तूफानों के दौरान मददगार हो सकता है, जब सौर ऊर्जा कम हो जाती है और उपलब्ध पवन ऊर्जा बढ़ जाती है। हवा रात में और शीतकालीन संक्रांति के आसपास एक उपयोगी संसाधन होगी।

स्थिरता का मार्ग सबसे महत्वपूर्ण

हार्टविक का सुझाव है कि मंगल ग्रह पर भविष्य के चालक दल के मिशनों को शक्ति प्रदान करने के लिए स्थिरता सबसे महत्वपूर्ण विचार है – बहुत सी निर्बाध शक्ति का उत्पादन किया जाना चाहिए। पवन टर्बाइनों और सौर सरणियों के संयोजन का उपयोग करने से मिशनों को ग्रह के एक बड़े हिस्से में पता लगाने की अनुमति मिल सकती है।

दूसरे ग्रहों में भी उपयोगी साबित हो सकती है पवन ऊर्जा

पवन ऊर्जा इस बात में भी क्रांति ला सकती है कि मनुष्य सौर मंडल में कहीं और दूसरे ग्रहों पर ऊर्जा कैसे प्राप्त करते हैं। हार्टविक का कहना है कि वह “टाइटन जैसे चंद्रमा पर बिजली की क्षमता को देखने में विशेष रुचि रखती है, जिसका वातावरण बहुत घना है लेकिन ठंडा है”। फिर भी, परिचालन दक्षता और तकनीकी व्यवहार्यता निर्धारित करने के लिए – विशेष रूप से एक एयरोस्पेस और इंजीनियरिंग दृष्टिकोण से अंतः इस विषय पर कुछ और कार्य किया जाना बाकी है।

श्रोत: नासा/जेपीएल

फोटो: नासा।

 

 

 

 

 

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