भोंपूराम खबरीपंतनगर। भारत की आजादी के 75वें वर्ष को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा ‘भारत का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है, जिसके अर्न्तगत अखिल भारतीय शोध परियोजना, गृह विज्ञान द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इस क्रम में कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलपति डा. तेज प्रताप द्वारा मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र में वृक्षारोपण कर के की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संतुलन, हरी-भरी प्रकृति, कृषि का मानव जीवन में विशेष महत्व, समस्त देशवासियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना एवं वृक्षारोपण हेतु प्रोत्साहित करना है।
अखिल भारतीय समन्वित परियोजना गृह विज्ञान की इकाई प्रभारी डा. दीपा विनय ने बताया कि केन्द्र में लीची के वृक्ष लगाने का उद्देश्य पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ मधुमक्खियों का कृषि में योगदान एवं मधुमक्खियों की प्रजातियों का संरक्षण करना है। उन्होंने बताया कि मधुमक्खियों का फसल, फल-फूल, सब्जी एव अन्य पौधों के परागण में मुख्य भूमिका होती है, लेकिन पर्यावरण असंतुलन, जलवायु परिवर्तन एवं रसायनों के अन्धाधुंध उपयोग से मधुमक्खियां कम होती जा रही है जिसका सीधा असर कृषि उत्पादन पर पड़ रहा है। इस कार्यक्रम के आयोजन में ग्रीन अर्थ मिशन संस्था के कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।
इस कार्यक्रम में निदेशक शोध डा. अजित नैन, अधिष्ठात्री गृह विज्ञान डा. अल्का गोयल, अधिष्ठाता पशु चिकित्सा डा. एनएस जादौन, सह निदेशक, मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र डा. प्रमोद मल्ल एवं प्राध्यापक डा. दीपा विनय, डा. रीता सिंह रघुवंशी, डा. सीमा क्वात्रा, डा. मनीषा गहलोत, डा. रितू सिंह, कनिष्ठ वैज्ञानिक डा. पूनम तिवारी और डा. सुनीता शर्मा उपस्थित थे।