भोंपूराम खबरी। गुजरात के मोरबी में सिविल अस्पताल का रातोंरात कायापलट करने की कोशिश की गई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उन पीड़ितों से मुलाकात करेंगे, जो 134 जान लील जाने वाले पुल गिरने के भयावह हादसे से बचे हैं. अस्पताल की इस तरह रंगाई-पुताई किए जाने की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है.
मच्छू नदी पर बने केबल सस्पेंशन पुल के गिर जाने के जानलेवा हादसे के बाद प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह मोरबी में होंगे. हादसे में जान गंवाने वाले 134 लोगों में से 47 बच्चे थे. 100 से ज़्यादा ज़ख्मी लोगों को इलाज चल रहा है, और इनमें से कई मोरबी के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं।
आधी रात के बाद ‘रंग-रूप’ बदलने का काम चल रहा है, जबकि कुछ ही घंटे बाद PM वहां पहुंचने वाले हैं। कुछ दीवारों और छत के कुछ हिस्सों को दोबारा पेन्ट किया गया, और नए वॉटर कूलर लगाए गए. दो वॉर्डों में बिस्तरों की चादरें भी बदली गईं, जहां पुल हादसे के लगभग 13 ज़ख्मी लोग भर्ती हैं. देर रात कई लोगों को पूरे परिसर में झाड़ू लगाते भी देखा गया. कायापलट की इस व्यापक कार्यवाही के दौरान दिख रहे पुराने कूलर और क्षतिग्रस्त दीवारें और छत असलियत का बखान करती दिख रही थीं.