भोंपूराम खबरी। इनमें एक बंदूक तो आठ फीट लंबी है यह जब चलती थी तो इससे दो हजार छर्रे एक साथ निकलते थे। विदेशों में बने रिवाल्वर और पिस्टल बेहद खूबसूरत हैं इन्हे लेने के लिए सेना ने भी पत्र लिखकर इच्छा जताई है। नवाब खानदान की रामपुर में 2600 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें एक हजार हथियार भी हैं। इनमें पिस्टल, रिवाल्वर, राइफल. बंदूक समेत चाकू और तलवारें भी शामिल हैं। कई हथियार ऐसे भी हैं, जिनपर हीरे मोती लगे हैं। ये सभी हथियार नवाब खानदान की आर्मरी में रखे हैं। इनकी सुरक्षा के लिए पुलिस भी लगी है। इनमें एक बंदूक तो आठ फीट लंबी है, यह जब चलती थी तो इससे दो हजार छर्रे एक साथ निकलते थे। विदेशों में बने रिवाल्वर और पिस्टल बेहद खूबसूरत हैं, इन्हे लेने के लिए सेना ने भी पत्र लिखकर इच्छा जताई है। लेकिन, ये सभी हथियार 50 साल से बंटवारे के इंतेजार में जंग खा रहे हैं।
नवाब खानदान में 1972 से बंटवारे को लेकर मुकदमेबाजी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2019 को शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए थे और इसकी जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी थी। जिला जज ने विभाजन स्कीम तैयार कर फिर सुप्रीम कोर्ट को भेज दी। अभी वहां से आदेश जारी नहीं हो सका है। नवाब खानदान की संपत्ति में करीब एक हजार हथियार भी शामिल हैं। कोठी खासबाग में बनी आर्मरी में करीब ढाई सौ रायफल, बंदूक, रिवाल्वर व पिस्टल और छह सौ तलवारें व डेढ़ सौ खंजर हैं। इनमें एक बंदूक तो आठ फीट लंबी है। यह जब चलती थी तो तोप की तरह धमाका करती थी। इससे एक साथ करीब दो हजार छर्रे निकालते थे। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र ही बंटवारा होने की उम्मीद है। रजा लाइब्रेरी तकी तरह ही खासबाग भी रामपुर की पहचान है। हमारे हिस्से में जो भी हथियार आएंगे, हम चाहंगे कि उन्हें कोठी खासबाग में ही दीवारों पर सजाएं, ताकि रामपुर के लोग उन्हें देख सकें। सेना ने भी हथियार मांगे हैं। सेना अधिकारी इन्हें सेना के म्यूजियम में लगाना चाहते हैं।