भोंपूराम खबरी,बरेली। यूपी के बरेली के सुरेशशर्मा नगर में डकैती के दौरान हुए तिहरे हत्याकांड में फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने गुरुवार को छैमार गैंग की दो महिला समेत आठ सदस्यों को फांसी और जेवरात खरीदने वाले सराफा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजीसी क्राइम दिगंबर सिंह पटेल ने बताया, 23 अप्रैल 2014 को सुरेशशर्मा नगर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर योगेश मिश्रा, पत्नी प्रिया और मां पुष्पा देवी के शव कोठी के अंदर मिले थे। सिर कुचलकर तीनों की हत्या की गई थी। वहां से नगदी, जेवरात व कीमती कपड़े गायब थे।
इस मामले में योगेश के भाई आयकर विभाग के इंस्पेक्टर रविकांत मिश्रा ने थाना बारादरी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बारादरी पुलिस ने विवेचना के दौरान छैमार गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर किया था। गिरोह की दो महिलाएं घरों में भीख मांगने के नाम पर रेकी करती थीं और फिर वारदात को अंजाम देते थे। बारादरी पुलिस ने 2 मई 2014 को उमरिया डेरे से वाजिद, नाजिमा और हाशिमा को गिरफ्तार कर तिहरे हत्याकांड का खुलासा किया था। 7 मई 2014 को छैमार गैंग से लूट के जेवरात खरीदने वाले सर्राफ राजू वर्मा को सैटेलाइट बस अड्डे से गिरफ्तार किया था।
सर्राफ ने पूछताछ में जेवरात जीशान उर्फ हसीन से खरीदना कबूला था। सर्राफ के कब्जे से दो नोटबुक भी मिले, जिसमें गैंग द्वारा लूटे गए जेवर की खरीद फरोख्त का हिसाब लिखा था। इसके गैंग के पांच अन्य सदस्य को गिरफ्तार किया। सात 2024 मार्च गुरुवार को फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने तिहरे हत्याकांड में सजा सुनाई। जिसमें आरोपी नाजिमा, हाशिमा, वाजिद, हसीन, यासीन, समीर, जुफाम, फाईम को फांसी की सजा सुनाई गई, जबकि लूट के जेवरात खरीदने वाले सराफ राजू वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जैसे ही सराफ की पत्नी को आजीवन कारावास की सजा का पता चला तो वह कोर्ट के बाहर फूट फूट कर रोने लगी।