भोंपूराम खबरी। एमपी के ग्वालियर के कैडेट्स ने 10 जून को आरआईएमसी में आठवीं में दाखिला लिया। जांच में पता चला कि पिता ने बेटे की जन्मतिथि, निवास और बाकी के जो प्रमाणपत्र दिए फर्जी हैं। एसपी सिटी ने बताया कि आरआईएमसी के कमांडेंट की ओर से शिकायत मिली थी। इसमें दो छात्रों का जिक्र था। इनके परिजनों ने उम्र और निवास प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा किया था। राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (आरआईएमसी) में फर्जी दस्तावेजों से अपने बच्चों का दाखिला दिलाने वाले परिजनों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर और भिंड के ये छात्र (कैडेट्स) आरआईएमसी में पढ़ाई कर रहे थे। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कमांडेंट की ओर से तहरीर कैंट थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने दो जीरो एफआईआर दर्ज कर मध्य प्रदेश पुलिस को भेज दी हैं। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि आरआईएमसी के कमांडेंट की ओर से शिकायत मिली थी। इसमें दो छात्रों का जिक्र था। इनके परिजनों ने उम्र और निवास प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा किया था। इसके आधार पर प्राथमिक जांच की गई। इसके बाद जीरो एफआईआर दर्ज कर मध्यप्रदेश पुलिस को भेज दी गई हैं।
एमपी के ग्वालियर के कैडेट्स ने 10 जून को आरआईएमसी में आठवीं में दाखिला लिया। जांच में पता चला कि पिता ने बेटे की जन्मतिथि, निवास और बाकी के जो प्रमाणपत्र दिए फर्जी हैं। 14 मार्च और 22 अक्तूबर 2020 को इसी छात्र का किसी दूसरे नाम से आवेदन आया था। तब जन्मतिथि 26 सितंबर 2008 थी। प्रवेश सत्र के तहत 27 मार्च 2021 को किए गए आवेदन में कोई और नाम के साथ जन्मतिथि 10 मई 2010 बताई गई। मध्यप्रदेश के ही भिंड के एक कैडेट्स ने 20 सितंबर को दाखिला लिया। जांच में जन्मतिथि, निवास और शैक्षिक दस्तावेज फर्जी निकले। कैडेट्स के परिजनों ने 19 मार्च और 18 नवंबर 2020 को भी आवेदन करवाया। तब किसी और नाम से दस्तावेज दिए गए, जिसमें जन्मतिथि आठ सितंबर 2008 बताई गई। 12 अप्रैल 2021 और 18 अक्तूबर 2021 के आवेदन में नाम बदला, जन्मतिथि आठ मार्च 2010 बताई गई। अक्तूबर में आवेदन के बाद दाखिला करवा दिया गया