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Wednesday, February 5, 2025

गणेश उपाध्याय ने की पंतनगर विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डा मनमोहन सिंह चौहान से मुलाकात

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भोंपूराम खबरी। पंतनगर विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डा मनमोहन सिंह चौहान  से मुलाकात  करके अवगत कराया कि वर्तमान में पंतनगर विश्वविद्यालय में नियमित कर्मचारी लगभग 400 लोग लगभग कार्यरत हैं ,जबकि 4500 कर्मचारी जो नियमित व सीधी भर्ती के 19 साल में 2022 तक रिटायरमेंट ले चुके हैं । 1 मई 2003 में चतुर्थ श्रेणी और सीधी भर्ती में जब रोक लगी थी, 900 कर्मचारियों की लगभग ठेका प्रथा के तहत शासन ने स्वीकृति प्रदान की ।आज की वक्त में लगभग साडे 4500 कर्मचारी रिटायरमेंट हो चुके हैं, इस अनुपात मे लगभग 2000 कर्मचारियों को ठेका प्रथा के तहत रखना चाहिए। जिससे पंतनगर विश्वविद्यालय पूर्व की भांति चलता रहे। यह सीधे-सीधे विश्वविद्यालय प्रशासन की नाकामी या भाजपा सरकार की नाकामियों के वजह से वित्तीय बजट का रोना रहकर इन लोगों को रखने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पंतनगर विश्वविद्यालय को 16500 एकड़ जमीन दी गई थी ताकि अपने संसाधनों से अपने विश्वविद्यालय के खर्चे और अनुसंधान का कार्य कर सकें परंतु 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उत्तराखंड स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी जी ने सिटकुल की स्थापना स्थापना के तहत 6500 जमीन ली ।उसके में 55 करोड़ की एफडी रिवाल्विंग फंड तौर में दिया ,जिसके एवज में आज एफबी के मिलने वाले ब्याज से ठेका प्रथा में लगे कर्मचारियों का वेतन आहरण किया जा रहा है । आज देखिए एकड़ जमीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 1072 एकड़ जमीन निशुल्क खेत में हस्तांतरित की जा रही है, जिसमें लगभग 1500 एकड़ जमीन भूमि विश्वविद्यालय से बाद में ली जाएगी ।

विश्वविद्यालय के पास मात्र सिर्फ लगभग 6000 एकड़ जमीन बचेगी, किस तरह विश्वविद्यालय का अनुसंधान व कर्मचारी की वेतन निकाले जाएंगे यह विचारणीय प्रश्न है । इस प्रकार पंतनगर विश्वविद्यालय की भूमि यदि निशुल्क बंदरबांट की गई तो विश्वविद्यालय के कर्मचारी का वेतन भत्ते अनुसंधान की हालत खस्ता हो जाएगी ।इसलिए सरकार को चाहिए कि 200 करोड़ रुपए का रिवाल्विंग फंड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जमीन अधिग्रहण के तौर पर विश्वविद्यालय को दिया जाए, यह बात सरकार में कुलपति को अपने स्तर से भी रखनी चाहिए। साथी साथ कुलपति को अवगत कराया कि विगत 20 सालों से विश्वविद्यालय से जितने भी ग्राम सभाये थी,

विश्वविद्यालय उन गांव को गोद में लेता था और हर हफ्ते गांव में निरीक्षण करते थे जानवरों के बारे में भी बीमारियों के बारे में अवगत कराते थे ।वह पुनः लागू किया जाए। पंतनगर विश्वविद्यालय के अंदर प्रमोशन में हो रही अनियमितताओं के वह आपसी गुटबाजी के वजह से विश्वविद्यालय में जो विश्वविद्यालय का जो स्तर गिर रहा था उसे पुनः पारदर्शीता साथ बिना किसी भेदभाव के किया जाए। इस मुलाकात में डॉ गणेश उपाध्याय पूर्व सलाहकार उत्तराखंड सरकार व प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस, महिपाल सिंह बोरा आदि लोग थे।

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