कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पूरी दुनिया में सुर्खियां बन गई है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के शामिल होने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं कनाडा ने भारत के एक राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया. जवाब में भारत ने भी कनाडा के राजनयिक ओलिवियर सिल्वेस्टर को हटा दिया. भारत ने ट्रूडो के तमाम आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है. दोनों देशों का एक दूसरे के टॉप डिप्लोमैट्स को हटाना बड़ा कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।
बहरहाल भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ कनाडा की धरती से रची जाने वाली साजिश नई नहीं हैं. निज्जर की हत्या के बाद अभी भी कनाडा में कम से कम 21 ऐसे खालिस्तानी आतंकी हैं, जिन्हें भारत सरकार ने वॉन्टेड की लिस्ट में रखा है, लेकिन कनाडा सरकार ने उनके प्रति नरम रुख अपना रखा है. इसी वजह से दोनों देशों के बीच खटास है. कनाडा में छिपे इन खालिस्तानी आतंकियों में से कोई पाकिस्तानी आतंकियों का दोस्त है तो किसी ने खालिस्तान के हिंसक आंदोलन के लिए हथियारों की सप्लाई की है. 2018 में इन आतंकियों की लिस्ट पंजाब के तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को सौंपी थी.
आइए हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादियों के बारे में.
गुरजिंदर सिंह
आतंकी निज्जर के अलावा इस लिस्ट में पहला नाम गुरजिंदर सिंह पन्नु का है. मूल रूप से पंजाब के तरनतारण का रहने वाला पन्नू कनाडा में इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) का सक्रिय सदस्य है. खालिस्तान आंदोलन के लिए हथियार खरीदने में मददगार था, जिसके बाद 2016 में पंजाब पुलिस ने उसे अरेस्ट किया था.
गुरप्रीत सिंह
दूसरा नाम गुरप्रीत सिंह का है. मूल रूप से पंजाब के मोगा का रहने वाला गुरप्रीत कनाडा के ब्राम्पटन सिटी में रहता है. पाकिस्तानी एजेंसियों की मदद से उसने हथियार खरीदे और 2016 में भारत आया था. खालिस्तानी आंदोलन को फंडिंग करने का आरोप उस पर है.
गुरजीत सिंह चीमा
ये मूल रूप से पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला है. कनाडा के ब्राम्पटन और टोरंटो शहर में दो अलग-अलग निवास हैं. वह लगातार पाकिस्तानी आतंकवादियों के संपर्क में रहता है और भारत में खालिस्तान मूवमेंट को हिंसक बनाने के लिए हथियारों की सप्लाई और फंडिंग की व्यवस्था करता है.
मलकीत सिंह
चौथा नाम मलकीत सिंह का है. उसे फौजी के नाम से भी जाना जाता है. कनाडा के सूरी में रहने वाला मलकीत मूल रूप से पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है. 2014 में उसने उत्तर प्रदेश से हथियार खरीदे थे ताकि खालिस्तान आंदोलन में हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे सके. बाद में पंजाब पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया था. जमानत के बाद कनाडा फरार हो गया।
अर्शदीप सिंह डाला कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में रहता है.
सतिंदरजीत सिंह बराड़ उर्फ गोल्डी बराड़ साल 2026 तक वैध भारतीय पासपोर्ट के साथ कनाडा में है.
स्नोवर ढिल्लन कनाडा के ओन्टारियो में रहता है.
रमनदीप सिंह उर्फ रमन कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में रहता है.
टहल सिंह टोरंटो में रहता है. आईएसवाईएफ का एक्टिव मेंबर है.
मनवीर सिंह भी आईएसवाईएफ का सदस्य है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में रहता है.
आईएसवाईएफ का सक्रिय सदस्य है पर्वकर सिंह दुलाई उर्फ पेरी. यह भी कनाडा में रहता है.
मोनिंदर सिंह बिजल कनाडा के वैंकूवर में रहता है. केटीएस नाम के संगठन का सक्रिय सदस्य है.
आईएसवाईएफ का सक्रिय सदस्य है भगत सिंह बराड़ उर्फ भग्गू बराड़. कनाडा के टोरंटो में रहता है.
आईएसवाईएफ के सतिंदर पाल सिंह गिल. यह वैंकूवर में रहता है.
सुलिंदर सिंह मूल रूप से पंजाब का निवासी है. फिलहाल ब्रैम्पटन में रहता है.
केएलएफ का सक्रिय सदस्य है मनवीर सिंह. वह टोरंटो में रहता है.
लखबीर सिंह केएलएफ का सक्रिय सदस्य है. फिलहाल कनाडा का निवासी है.
सुखदुल सिंह ओन्टारियो का निवासी है. इसका पूरा परिवार पहले पंजाब में रहता था.
हरप्रीत सिंह सक्रिय खालिस्तानी आतंकी है. फिलहाल कनाडा के ब्रैम्पटन में रहता है.
संदीप सिंह उर्फ सनी उर्फ टाइगर. खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सक्रिय सदस्य है और फिलहाल कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में रहता है.
मनदीप सिंह धालीवाल केटीएफ का सक्रिय सदस्य है. फिलहाल कनाडा के सूरी में रहता है.