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Sunday, September 8, 2024

कॉर्पोरेट को छूट- किसानों की लूट, भाजपा गठबंधन सरकार की आर्थिक नीति: तजिन्दर सिंह विर्क 

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भोंपूराम खबरी। तराई किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, तजिंदर सिंह विर्क ने आम बजट को किसान- युवा विरोधी बताते हुए कहा है कि किसानों की मुख्य मांगों को केंद्र सरकार ने दरकिनार किया है। एमएसपी की कानूनी गारंटी, संपूर्ण कर्जा मुक्ति, कृषि उपकरणों से जीएसटी खत्म करने और प्रत्येक किसान परिवार को 10,000 रूपये मासिक पेंशन देने आदि मांगों को लेकर बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। जिससे लगता है कि सरकार किसानों को अपने मुद्दों पर आंदोलन तेज करने के लिए प्रेरित कर रही है।

विर्क ने कहा कि देश का कुल बजट 48 लाख करोड़ रुपये है जिसमें से कृषि हेतु केवल 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। जिसका अर्थ है कि 65% किसानों की आबादी को भारत सरकार ने 3% बजट आवंटित किया है जो किसानों के साथ-साथ ग्रामीण भारत के साथ भेदभाव है।

2019 के अंतरिम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पियूष गोयल ने कहा था कि देश के 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर किसान की आय दोगूनी होगी ओर खेती मे एक नया उदय होगा

सरकार ने किसानों के बजट को उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित किया है जिसके माध्यम से सरकार बीज उत्पादन करने वाले मोनसेंटो जैसी कंपनियों को भारत के बीज बाजार पर एकाधिकार कायम करने में मदद करना चाहती है।

तजिंदर विर्क ने कहा कि देश पर 205 लाख करोड़ का कर्जा है। कर्ज के ब्याज के तौर पर बजट का 20% खर्च किया जाएगा। इससे स्पष्ट है कि भारत की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है। इसके परिणाम स्वरुप देश में बेरोजगारी, महंगाई और मुद्रा स्फीति बढ़ना तय है। *सरकार ने भारत में आयात करने वाली कॉरपोरेट कंपनियों पर 5 प्रतिशत कर घटा दिया है जिससे स्पष्ट है कि सरकार किसानों की लूट और कारपोरेट की छूट की नीति पर कायमहै

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