भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। लगभग बीस दिन की झुलसाती गर्मी के बाद रविवार को आसमान पर मानसूनी बादल छाए रहे। लेकिन घनघोर काले बादलों के बावजूद शहर में छिटपुट बारिश हुई। न ही गर्मी से जूझते लोगों को झमाझम बारिश का लुत्फ मिला और न धरती की प्यास बुझ सकी। खास बात हैं कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में जमकर बारिश की जानकारी मिलने के बाद किसानों के चेहरे पर मायूसी छायी है।
शनिवार रात से ही आसमान पर छाए काले बादल सिर्फ दिखावा बनकर रह गए। शनिवार को हल्की फुहार के बाद रविवार को बारिश की उम्मीदें तेज हो गईं थी। हालांकि दिनभर काले बादलों ने डेरा डाले रखा जबकि बारिश के नाम पर बूंदाबांदी और रिमझिम फुहार ही पड़ी। अलबत्ता तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज होने से गर्मी और उमस का प्रकोप कम हुआ है। रविवार को तापमान अधिकतम 30 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
आसमान पर काले बादलों के छाए रहने तथा दिनभर धूप नहीं निकलने से उमस और गर्मी का प्रकोप कम होने के साथ ही मौसम सुहाना हो गया। हल्की बारिश के कारण भी सड़कों पर जलभराव और कीचड़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। जलभराव के बीच से आवागमन ने निगम प्रशासन की ओर से जल निकासी के प्रबंध की पोल खोल दी है। वहीं इलाके के किसान फसल की सिंचाई के अलावा घटते जल स्तर को ऊपर उठाने में बारिश के तेज होने का इंतजार कर रहे हैं।
घने काले मेघों के आसमान पर छा जाने से ऐसा लग रहा था कि मूसलाधार बारिश होगी लेकिन पूरे दिन बादलों के आसमान पर रहने के बावजूद मात्र रिमझिम फुहारों से ही किसानों को संतोष करना पड़ा। बुवाई के बाद किसान मूसलधार बारिश का इंतजार कर रहे हैं लेकिन बारिश का मौसम तो बनता है पर अपेक्षित बारिश नहीं हो रही है। इधर पूरे क्षेत्र में किसानों ने बुवाई कर दी है जिसमें अब बारिश की आवश्यकता है यदि अच्छी बारिश हुई तो बीज तत्काल अंकुरित हो जाएगा अन्यथा बारिश नहीं होने से किसानों को आर्थिक क्षति उठाना पड़ेगा। किसानों के अनुसार हालांकि मौसम नम बना हुआ है लेकिन बारिश होना जरूरी है इसलिए बारिश का इंतजार किया जा रहा है। किसानों ने फसल की बुवाई तो कर दी लेकिन मानसून का असर थोड़ा ही नजर आया। जिसके बाद प्रतिदिन धूप तप रही है वहीं हल्की बारिश से ही किसानों को संतोष करना पड़ रहा है। कृषि के जानकारों के अनुसार अभी भी यदि अच्छी बारिश हो जाए तो इस वर्ष फसल भी खूब होगी। किसानों ने सोयाबीन, मक्का, मूंग, धान सहित विभिन्न प्रकार की फसलें बोई हैं जिसमें धान के लिए पर्याप्त पानी आवश्यक है। रविवार को मौसम का मिजाज तो पूरे दिन नरम रहा लेकिन तेज बारिश नहीं होने से अब किसान निराश दिख रहे हैं।