भोंपूराम खबरी।
इसी तरह पृथ्वी का अंत भी हो जाएगा एक दिन
ग्रहों का अस्तित्व उनके तारों के साथ जुड़ा हुआ है। जब तक तारे का जीवन रहेगा, तभी तक ग्रह का जीवन रहेगा। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने पहली बार किसी खत्म होते तारे को उसके ग्रह को निगलते हुए देखा है।खगोलशास्त्री किशले डे और सहयोगी कैलिफोर्निया में पालोमर वेधशाला में ऑप्टिकल सर्वेक्षण टेलीस्कोप ज़्विकी ट्रांसिएंट फैसिलिटी के जरिए अध्ययन कर इस खोज का खुलासा किया है।
12000 प्रकाशवर्ष दूर की घटना
शोधकर्ताओं ने तारकीय विलय से जुड़े इस घटना को लगभग 12,000 प्रकाश-वर्ष दूर नक्षत्र अक्विला में देखा। इस घटना में पहली बार खगोलविदों ने एक मरते हुए तारे को जैसे बिलबिलाते हुए देखा। साथ में वह तारा अपने एक ग्रह को निगल रहा था।
विशालकाय तारा बन जाता है अंत समय में
खगोल भौतिकीविद लंबे समय से जानते हैं कि जब सूर्य का ईंधन हाइड्रोजन जब खत्म हो जाता है, तो उसका आकार बड़ा होने लगता है, जो एक लाल विशालकाय तारे का रूप धारण कर लेता है और अपने निकट परिक्रमा करने वाले ग्रहों को घेरने लगता है। तारे के अंत के दौरान तारा अपने मूल में हाइड्रोजन ईंधन को समाप्त कर देता है और संलयन प्रतिक्रियाएँ जो तारे को चमक देती हैं और अधिक ईंधन की तलाश में बाहर की ओर फैल जाती हैं।
पांच अरब साल बाकी है अभी पृथ्वी की उम्र
तब तारे की बाहरी परतें फैलने लगती हैं। हमारे सूर्य का अंत भी इसी तरीके से होगा, जो अंत में पृथ्वी समेत अन्य ग्रहों को अपने आगोश में लेकर खत्म कर देगा। मगर वर्तमान अथवा निकट भविष्य में ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। सूर्य की आयु अभी करीब पांच अरब साल बाकी है। इसके बाद ही सूर्य का अंत होगा।
डा शशिभूषण पांडेय के अनुसार
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा शशिभूषण पांडेय कहते हैं कि वैज्ञानिक पहले से ही सूर्य व पृथ्वी की आयु और उसके अंत का पता लगा चुके थे। मगर इस खोज से पहली बार पुष्टि हुई है कि वास्तव में एक तारे का अंत का मतलब उसके पूरे सौर मंडल का अंत है। इस खोज से ब्रह्माण्ड में मौजूद दूसरे सौर मंडलों के जीवन का सटीक पता लगा सकते हैं।
श्रोत व फोटो: अंतर्राष्ट्रीय जेमिनी ऑब्जर्वेटरी / नोयरलैब / एनएसएफ / ऑरा / एम। गारलिक/एम. ज़मानी।