भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। जनपद में सरकारी अस्पताल के फार्मोसिस्टों ने मांगों के समाधान की मांग को लेकर काले फीते बांधकर अपना रोष शुरू कर दिया। उन्होंने सरकार पर मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। सोमवार को जिला अस्पताल में एकत्रित हुए फार्मासिस्टों ने रोष जताते हुए बताया कि पिछले लंबे समय से 16सूत्रीय मांगों को लेकर एसोसिएशन संघर्षरत है। जिनमें आईपीएचएस मानकों में संशोधन कर चिकित्सालयों में बढ़ते काम के दवाब को देखते हुए फार्मोसिस्टों के पदों में वृद्धि करने,अस्थगित 63पदों जिनमें 33फार्मे सिस्ट व 30 चीफ फार्मासिस्ट को दस अप्रैल से पहले क्रियाशील बनाने का शासनादेश जारी करने,22वर्षो से लंबित फार्मासिस्ट संवर्ग की अराजपत्रित एवं राजपत्रित सेवानियमावली को शीघ्र प्रख्यापित करने,फार्मेसी प्रेक्टिस रेगुलेशन 2015 का कड़ाई से पालन कर वाने,पदनाम परिवर्तन करने,चयन वर्ष 2022-23 तक परिणामी रि क्तियों को जोड़ते हुए चीफ फार्मासिस्ट,प्रभारी अधिकारी फार्मेसी से विकल्प मांगने का शासनादेश जारी करने,लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानातरण अधिनियम 2017 का पालन पारदर्शी तरीके से क रने,फार्मासिस्टों की डीपीसी तैयार करने,पुरानी पेंशन व्यवस्था बहा ल करने,उडीसा की तर्ज पर चिकित्सकविहीन अस्पतालों में फार्मा सिस्टों को दवा लिखने का अधिकार देने,मरीज केयर भत्ता देने और पोस्टमार्टम भत्ता 300रुपये किए जाने की मांग शामिल है। जिलाध्यक्ष बीएन बेलवाल ने बताया कि लंबे समय से मांग लंबित मांगों का समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया,तो प्रांतीय आहवान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएंगी। इस मौके पर मंडलीय सचिव डीके जोशी, आरएस अधिकारी,जेएस शाह,एचसी पोखरियाल,जेपी आर्या आदि मौजूद रहे।