भोंपूराम खबरी। रुद्रपुर कुमाऊं का प्रवेश द्वार ऊधम सिंह नगर आपराधिक घटनाओं के साथ ही माओवाद और खालिस्तान के मामले में बेहद संवेदनशील है। वर्तमान में आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता भी सामने रही है। ऐसे में इन पर अंकुश लगाने और सूचनाओं का प्रदान करने के लिए स्टेट मल्टी एजेंसी सेंटर (स्मैक) मददगार साबित होगा। ऊधम सिंह नगर के साथ ही देशभर में स्मैक को इन दिनों अपडेट कर इससे जुड़ीं 26 से अधिक खुफिया एजेंसियां एक क्लिक पर आपस में प्रत्येक सूचना का आदान-प्रदान करेंगी। ताकि होने वाली घटनाओं और उनसे जुड़े लोगों पर तत्काल कार्रवाई की जा सके।
आपातकाल या फिर किसी बड़ी घटना के दौरान पूर्व में देशभर के राष्ट्रीय और राज्य खुफिया एजेंसियों को आपस में संपर्क करने में लगने वाले अत्यधिक समय को देखते यह सेंटर स्थापित किया गया। इसमें रा ( रीसचं एनालिसिस विंग), एनआइए राष्ट्रीय जांच एजेंसी), एटीएस ( आतंकवाद विरोधी दस्ता), आइबी (इंटेलिजेंस), पैरा मिलिट्री समेत 26 खुफिया एजेंसियां शामिल हैं। यह ऊधम सिंह नगर की खुफिया एजेंसियों के लिए भी मददगार साबित होगा। क्योंकि 90 के दशक में तराई में चरम पर रहे उग्रवाद (खालिस्तानी) पर मुश्किल से काबू किया गया था। बाद में इंटरनेट मीडिया के जरिये फिर से इसकी सक्रिय दिखी। बीते साल पुलिस इंटरनेट मीडिया में खालिस्तान से जुड़ी पोस्ट लाइक, शेयर करने वाले 111 से अधिक लोगों को चिह्नित कर उनकी काउंसिलिंग भी कर चुकी है। यही नहीं, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद तराई भाबर में माओवादी गतिविधियां भी सक्रिय रहीं नानकमत्ता दिनेशपुर, गदरपुर, सितारगंज व नैनीताल जिले के चोरगलिया के जंगलों में भी माओवादी हलचल के साथ ही उनके सब डिविजनों से पर्दा उठ चुका है। बीते एक दशक में पुलिस और खुफिया एजेंसियां त भाबर सहित कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में सक्रिय रहे कई फरार इनामी माओवादियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अब फिर से यहां आतंकी गतिविधियों के मामले सामने आ रहे हैं। 2020 में उप्र एटीएस ने पंतनगर में रह चुके अलकायदा एजेंट इनामुल हक को बरेली से गिरफ्तार किया। 2022 में बाजपुर और केलाखेड़ा में आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख ने शरण ली थी। वह पाकिस्तान स्थित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख लखवीर सिंह रोडे और भगोड़ा गैंगस्टर व खालिस्तानी टाइगर फोर्स से जुड़ा अर्शदीप सिंह के संपर्क में था। इस मामले में एसटीएफ और पुलिस ने सुख के शरणदाता शमशेर सिंह उर्फ शेरा, हरप्रीत सिंह, गुरपाल सिंह और अजमेर सिंह को गिरफ्तार किया था। जबकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख फरार हो गया था। 2023 में दिल्ली जेल में पैरोल पर फरार ऊधम सिंह नगर के गूलरभोज निवासी जगजीत सिंह और उप्र निवासी आतंकी नौशाद को गिरफ्तार किया गया था। बीती दो अक्टूबर को एनआइए दिल्ली से आइएसआइएस आतंकी शाहनवाज, मोहम्मद अरशद और रिजवान अशरफ को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि वे 2021 में नैनीताल जिले के हल्द्वानी और फिर ऊधम सिंह नगर के किच्छा में आए थे। ऐसे में राज्य के सभी जिलों के साथ ही ऊधम सिंह नगर में स्टेट मल्टी एजेंसी सेंटर से खुफिया एजेंसियों को काफी मदद मिलेगी।
स्थानीय खुफिया एजेंसियां गोपनीय रूप से काम करते हुए पुलिस का सहयोग करती हैं। सुरक्षा के लिए भी देश-विदेश स्तर पर सुरक्षा एजेंसियां कार्य करती है। ये सभी स्टेट मल्टी एजेंसी सेंटर से जुड़ी हैं, जो देशभर में होने वाली आपराधिक, आतंकी समेत अन्य गतिविधियों की सूचनाओं का राज्यों और जिलों की खुफिया और पुलिस को आदान-प्रदान कर उन्हें अलर्ट करती हैं। इन्हें अब अत्याधुनिक किया जा रहा है। मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधम सिंह नगर ।