भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। होली जैसे त्यौहार पर सामान्यतः गुलजार रहने वाला बाजार इस बार फीका नजर आया। कोविड के कारण पहले ही पिट चुके व्यापारियों के लिए होली का त्यौहार भी कोई ख़ास राहत लेकर नहीं आया। बीते वर्ष तक इस त्यौहार पर सब्जी मंडियों में ही नहीं बल्कि मिठाई की दुकानों, रेस्टोरेंट और डिपार्टमेंटल स्टोर में काफी चहल पहल देखी जाती थी। मगर इस बार की होली में रुद्रपुर बाज़ारों में खरीदारी बहुत कम रही जिससे मुनाफे की उम्मीद लगाए बैठे कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है।
होली के त्यौहार में लोग अपने घरों में विभिन्न पकवान बनाते हैं और इसके लिए कई तरह के सब्जी, फल, मिठाई, चिप्स और पापड़ जैसे व्यंजनों की खरीदी की जाती है। लेकिन इस बार ग्राहकों की अनदेखी के कारण बाजार में कोई विशेष हलचल नहीं देखी गयी। सब्जी विक्रेता राजेश ने बताया की होली के दिन में खरीदारी अमूमन दोगुनी हो जाती थी पर इस बार मात्र 20 से 30 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हो पाया है। फल विक्रेता शरीफ ने बताया की बाजार में फलों की बिक्री में नाममात्र की बढ़ोतरी हुई है। यहाँ तक कि बड़ा अमरुद के नाम से बिकने वाला फल अपने न्यूनतम मूल्य 80 रूपये प्रति किलो की भाव से भी नहीं बिक पाया। मिष्ठान विक्रेताओं को भी होली पर होने वाले मुनाफे में निराशा ही हाथ लगी। कुछ ऐसा ही हाल शहर के अधिकांश रेस्टोरेंट में देखने को मिला जहां होली की रात होने वाली भीड़ रेस्टोरेंट से नदारद रही। होली की रात को थके-हारे परिवार अच्छा वक्त बिताने के लिए खाना बाहर ही खाते थे लेकिन इस बार इनकी संख्या एक तिहाई ही रह गयी। ग्रोसरी और चिप्स पापड़ जैसे कारोबारी कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या और भविष्य में लॉक डाउन लगने क आशंका को भी इसका बड़ा कारण मान रहे है।