भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर जोरदार हमला किया गया। अतिक्रमण हटाने आई टीम को निशाना बनाया गया। वनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में नजर भूमि पर धार्मिक स्थल और मदरसा तोड़े जाने से नाराज लोगों ने जमकर उपद्रव मचाए। शाम 4:00 बजे शुरू हुई कार्रवाई के बाद उपद्रवियों ने घर की छात्रों से पथराव कर दिया। गलियों में आगजनी शुरू कर दी गई। उपद्रवियों ने 3 घंटे में करीब 100 से अधिक दो पहिया और चार पहिया वाहन फूंक डालें। सुरक्षा बलों के लिए हालात काबू में करना मुश्किल हो गया। उपद्रवियों के हमले में 200 से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हुए। एसडीएम कालाढुंगी रेखा कोहली को उपद्रवियों ने घेर लिया था। इस कारण उन्हें दीवार के पीछे छुपना पड़ा।
एसडीएम कालाढुंगी को बचाने के लिए तीन चार पुलिसकर्मियों को लगा देखा गया। मामले की जानकारी हेडक्वार्टर को दिया गया। इसके बाद भारी संख्या में पहुंची पुलिस ने एसडीएम की जान बचाई। एसडीएम की दीवार के पीछे छुपकर जान बचाने की तस्वीर सामने आई हैं। गुरुवार रात 9:00 बजे तनाव बढ़ने के बाद प्रशासन ने एहतियातन हल्द्वानी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी। कुमाऊं यूनिवर्सिटी और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाएं रद्द कर दी गई। वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जानकारी के बाद उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। वहीं, इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया गया है।
घटना में छह लोगों की मौत
वनभूलपुरा में तनाव भड़कने के बाद पुलिस ने बचाव की कोशिश शुरू की। उपद्रवियों ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के विरोध में वनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया। पुलिस बलों को निशाने पर लिया गया। इसके बाद पुलिस की ओर से फायरिंग के आदेश जारी किए गए। फायरिंग में गंभीर रूप से घायल गफूर बस्ती निवासी जॉनी और उसका बेटा अनस, आरिस पुत्र गौहर, गांधीनगर निवासी फहीम और वनभूलपुरा के इसरारा और सीवान की मौत हो गई। वनभूलपुरा में धार्मिक स्थल और मदरसा तोड़े जाने से नाराज लोगों ने कार्रवाई का जमकर विरोध किया। हालांकि, हल्द्वानी हिंसा में मौत पर जिला प्रशासन की ओर से चार मौतों की पुष्टि की गई है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन ने भी चार मौतों का मामला सामने आया है।