भोंपूराम ख़बरी। सरकार और आम जन मानस के बीच सूचनाओं और पारदर्शिता को बनाये रखने के लिए सूचना के अधिकार की ताकत आम लोगों को दी गई थी। बाबजूद इसके कर्मचारी राज्य बीमा योजना उत्तराखंड के चिकित्सा अधिकारी सूचना के अधिकारों का हनन करते हुए। सरकार के नियमों को ठेंगा दिखा रहे है।
हरिद्वार के ईएसआईएस विभाग द्वारा आवेदक परीक्षित को निशुल्क सूचना उपलब्ध कराने शेष धनराशि को वापस कराने का आया फैसला ईएसआईएस अधिकारियों की लापरवाही को बताने के लिए काफी है। हरिद्वार के स्थित गोविंदपुरी कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय के अपीलीय अधिकारी डॉ माला चौधरी ने कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय सिडकुल ने 2119 पेजों के लिए 4238 रुपये जमा करवाने के पश्चात भी और कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय रुड़की के 1530 पन्नो के एवज में 3106 रुपये का भुगतान परीक्षित से कराने के लिए कहा गया।बावजूद इसके अधूरी सूचना और आवश्यकता से अधिक पैसे मांगने के कारण बैंक ड्राफ्ट या चेक द्वारा परीक्षित को पूरे पैसे लौटाने के निर्देश दिया है। अपीलीय अधिकारी डॉ माला ने सख्त निर्देश दिए है कि आदेश की अवेहलना होने पर लोक सूचना आयोग द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई के लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।