
भोंपूराम खबरी। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने स्मार्ट मीटर सहित जनहित के कई मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच मंत्री और कांग्रेस विधायक की तीखी तकरार भी हुयी। सदन की कार्रवाई से पहले विपक्ष के नेताओं ने सदन के बाहर सीढ़ियों में बैठकर सत्र की अवधि बढ़ाने समेत स्मार्ट मीटर के विरोध में प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

बाद में सदन के भीतर भी विपक्ष ने हंगामा करते हुए जनहित के मुद्दे उठाये। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में तीखी नोंक झोंक भी हुई। सदन के पहले दिन कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट द्वारा अभद्र भाषा के प्रयोग को लेकर भाजपा विधायक रेनू बिष्ट ने े मुद्दा उठाया, जिसके बाद भाजपा के कई विधायक रेनू बिष्ट के समर्थन में खड़े हो गए। भाजपा विधायकों ने मदन बिष्ट से माफी मांगने की मांग की। वहीं भाजपा विधायक आशा नौटियाल और रेनू बिष्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखित शिकायत सौंपकर कांग्रेस नेता मदन बिष्ट पर कार्रवाई की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी ने सदन में हुई अभद्र भाषा की निंदा करते हुए मामला आदर्श आचार समिति को सौंप दिया है। वहीं सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस ने नियम 310 के तहत स्मार्ट मीटर पर चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी ने नियम 58 तक इस पर चर्चा की अनुमति दे दी। कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने सरकारी कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जोर शोर से मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकारी कर्मचारियों के वेतन का पैसा कटता है, तो प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों की तरह उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा क्यों नहीं मिल सकती? विधायक उमेश कुमार ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि हरिद्वार में एक साल में 144 पीले, अंत्योदय 44 कार्ड ही बने हैं। नेशनल फूड सिक्योरिटी पोर्टल नहीं चलता। ये कब खुलेगा। प्राथमिक परिवार के कार्ड की संख्या कब बढ़ेगी। इसपर मंत्री रेखा आर्य ने जवाब दिया कि हरिद्वार को 37006 अंत्योदय, प्राथमिक परिवार के 9 लाख यूनिट आवंटित हैं। 41 अंत्योदय के कार्ड एक साल में बने, प्राथमिक परिवार के 374 निरस्त हुए थे और 144 बने हैं। प्रश्नकाल के दौरान मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि प्रदेश में 1,76,000, अंत्योदय कार्ड की डिमांड है। कहा कि अगर कोई लगता है कि राशन कार्ड अपात्र की श्रेणी में आ गया है तो इसकी सूचना विभाग या सीएम पोर्टल पर दे सकते हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में रेखा आर्या ने बताया कि मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि प्रदेश में 168 आंगनबाड़ी कम क्रेच केंद्रों को स्वीकृति मिली है। अभी बजट का इंतजार है कामकाजी महिलाओं के 6 माह से 6 साल तक के बच्चे इन क्रेच;पालनद्ध में रख सकते हैं। देहरादून और हल्द्वानी के स्टेडियम के पूरे नाम न लिखने पर विपक्ष के विधायक सुमित हृदयेश ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दो पूर्व प्रधानमंत्री का पूरा नाम निमंत्रण पत्र पर सम्मान से लिखने के बजाय सरकार ने शार्ट में क्यों लिखा। इस पर मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि उनका नाम लिखा गया है, लेकिन दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। इसी के साथ प्रश्नकाल समाप्त हो गया।