भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार से आर-पार की लडाई लड़ रहे किसानों ने अब भगवा पार्टी को विधानसभा चुनावों में चोट पहुंचाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। विशेषकर उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को और तीखा करने की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा गाज़ीपुर बॉर्डर के प्रवक्ता किसान नेता जगतार सिंह बाजवा के नेतृत्व में किसान नेताओं ने दो दिवसीय भ्रमण के दौरान पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर जिलों में किसानों से संपर्क किया और भाजपा के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया।
उत्तर प्रदेश में भी पश्चिम बंगाल की तरह भाजपा को वोट की चोट देने की योजना है। जिसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता आंदोलन को और अधिक मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं।
बाजवा ने टीम के साथ अपने दो दिवसीय भ्रमण के दौरान भूता, बीसलपुर, खनका, निगोही, पुवाया, सिंधीपुरा, शाहजहांपुर, मदनापुर, फतेहगंज, फरीदपुर, गोरिया, कटरा सलेमपुर आदि दर्जन भर स्थानों पर किसानों के साथ मीटिंग की। इस दौरान किसानों, मजदूरों व आम उपभोक्ताओं को तीनों कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान से वाकिफ कराया गया। एमएसपी के संबंध में जानकारी देते हुए लोगों को सरकार द्वारा एमएसपी पर भ्रम फैलाने की बात कहते हुए बताया गया कि हमारी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी सुनिश्चित नहीं करवा पा रही है जिससे किसान मजदूर कर्ज के बोझ में दब रहे हैं व आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। इस दौरान जत्थेदार गुरमेल सिंह, मनजीत सिंह, हरप्रीत सिंह निज्जर, प्रिंस दास, कुलदीप कंबोज, महेंद्र सिंह, बलविंदर सिंह,अमन संधू, जसविंदर सिंह आदि किसान नेता साथ रहे।