भोंपूराम खबरी, पंतनगर। उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद हल्दी में विश्व जल दिवस के आयोजन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि रुद्रपुर के मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख कर बहुत ज्यादा पानी को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा पानी के कारण प्रदेश के सुदूर इलाकों से पलायन आम बात है। आगे जल स्रोतों एवं पर्यावरण को प्राथमिकता पर बचाने हेतु प्रतिभागियों से आवाहन किया। उन्होने कल्याणी नदी का उदाहरण देकर बताया की जल संकट के स्रोतों को नष्ट करने मे ज्यादातर मानव जनित क्रिया प्रमुख हैं।
निदेशक प्रो. डीके सिंह ने बताया है प्रकृति प्रदत्त खूबसूरत वरदान है जल को बचाया जाना बेहद जरूरी है अन्यथा जीवन को संकट से कोई नहीं बचा सकता क्योंकि जल ही जीवन की महत्वपूर्ण इकाई है।
पंतनगर विवि के प्राध्यापक प्रो. आरके श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे देश मे 6 लाख 20 हजार पानी के स्रोत हैं। जिसमे से 2 लाख 17 हजार स्रोत दूषित हैं यही दूषित जल सारी बड़ी-बड़ी बीमारियांे का कारण है। उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड मे पानी शुद्व है यहाॅ पर आरओ की आवश्यकता नहीं है। आरओ लगाकर हम पानी मे से उसके सारे पोषक तत्व खत्म कर देते हैं। पानी की महत्वता बताते हुए उन्होने कहा कि हमे समय-समय पर जल की गुणवत्ता का परीक्षण भी कराते रहना चाहिए ताकि हमे पेयजल की गुणवत्ता का सही-सही पता चल सकेे। साथ ही उन्होने बताया की अशुद्ध पानी के कारण कैंसर जैसी भयानक बीमारी फैलती है जिस वजह से लाख करोड़ो लोग इसकी चपेट मे आकर मृत्यु की ओर बढ़ रहें हैं। साथ ही उन्होने बताया की अगर हमने समय से पानी को नही बचाया तो अगला विश्व युद्ध निश्चय ही जल से संबंधित होगा।
कार्यक्रम समन्वयक डा. मणिन्द्र मोहन ने बताया की जल स्रोतो का सूखना चिन्ता का विषय है। जल स्रोत यदि जिंदा रहेंगे तो भूगर्भीय जल का स्तर भी बरकरार रहेगा। जल को ढूढ़ने के बजाय जल को बचाना ज्यादा आसान है। जल स्रोतो पर ज्यादा प्रभाव मानव क्रियाओ का पड़ रहा है। जिस पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है।कार्यक्रम के दौरान नोजगे पब्लिक स्कूल खटीमा, सूरजमल अग्रवाल नर्सिंग कॉलेज किच्छा, राजकीय इंटर कॉलेज बाजपुर, पाल नर्सिंग कॉलेज, हल्द्वानी, होली कृष्णा स्कूल दिनेशपुर, देवस्थली विद्यापीठ, लालपुर, एम.बी.पी.जी. कालेज, हल्द्वानी के लगभग 150 छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक उपस्थित रहे।