भोंपूराम खबरी,नई दिल्ली। निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, अरुण गोयल का इस्तीफा 9 मार्च, 2024 से प्रभावी है। गोयल, जिन्हें 21 नवंबर, 2022 को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने पहले भारत सरकार में हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के सचिव के तौर पर कार्य किया था। संस्कृति मंत्रालय में भी उन्होंने सेवाएं दी थी।उनके अचानक इस्तीफे के बाद, मुख्य चुनाव आयुक्त पर पूरी जिम्मेदारी आ गई है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी अरुण गोयल को नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उन्होंने उस समय स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। अरुण गोयल को 31 दिसंबर, 2022 को 60 साल की उम्र में रिटायर होना था। गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के अधिकारी थे। वह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा बने थे। वो 2027 तक निर्वाचन आयोग में रह सकते थे।
अरुण गोयल ने जब इस जिम्मेदारी को संभाला था तो वो अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनने के प्रबल दावेदार थे। मौजूदा मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल फरवरी, 2025 तक है। कानून के अनुसार, चुनाव आयुक्त या मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त होने वाला व्यक्ति छह साल या फिर 65 साल की आयु तक पद पर रहेगा। ऐसे में अरुण गोयल दिसंबर, 2027 तक निर्वाचन आयोग में रह सकते थे। हालांकि, अब उन्होंने इससे पहले ही इस्तीफा दे दिया।
तीन सदस्यीय समिति में दो पद हुए खाली
इसी साल फरवरी महीने में चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय का कार्यकाल पूरा हो गया था जिसके बाद वो रिटायर हो गए थे। अब चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने भी इस पद से इस्तीफा दे दिया है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के पास ही पद बचा है।
भारतीय चुनाव आयोग में पहले से ही एक पद खाली था। लोकसभा चुनाव भी नजदीक है। ऐसे में अचानक अरुण गोयल का इस्तीफा चौंकाने वाला है। अब निर्वाचन आयोग की तीन सदस्यीय समिति में दो पद खाली हैं।