
रुद्रपुर। लोकतंत्र में वोट की ताकत को सबसे बड़ा माना जाता है। लोगों का एक मत किसी भी प्रत्याशी को सिरमौर बना सकता है। एक मत अर्श से फर्श पर ला सकता है, लेकिन मतदाता सूची बनाने का जिम्मा संभालने वाले सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही ने सैकड़ों लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया। नगर निगम के लगभग हर वार्ड में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे।

नगर के आर्य कन्या इंटर कॉलेज स्थित बूथ पर बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। मतदान के लिए आईं आदर्श काॅलोनी निवासी सीमा राजपूत मतदाता सूची में नाम न होने से बेहद गुस्से में थीं। उनका कहना था कि वह दशकों से वोट देते आ रही हैं। उनका और उनके परिवार के तीन सदस्यों का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया। इसी बूथ पर मतदान के लिए आए आदर्श कालोनी के दलीप साहू और उनकी पत्नी नीलम साहू का नाम भी सूची में नहीं था। दलीप ने बताया कि वह वर्ष 2008 से लगातार मतदान करते आ रहे हैं। इस बार उन्हें मतदान से वंचित कर दिया। घास मंडी के प्रमोद कुमार ने बताया कि उनके परिवार के चार लोगों के नाम सूची से गायब हैं।
नगर निगम स्थित बूथों की स्थिति मतदाता सूची से नाम गायब होने के मामले में और भी खराब थी। वहां सैकड़ों लोग मतदाता सूची में नाम न होने की शिकायत लेकर इधर-उधर फिर रहे थे। गांधी काॅलोनी के बंटी राजोरिया ने बताया कि उनके परिवार के सात लोगों ने नाम काट दिए गए। गांधी काॅलोनी निवासी दानिश अली ने बताया कि उनके परिवार के 14 लोगों के नाम सूची से गायब हैं। इसी काॅलोनी के सुनील के परिवार के 11, समीर के परिवार के सात, जाबीर खान के परिवार के नौ लोगों के नाम नहीं थे। सत्तार अहमद, एसमा खान, अजय, खालिद अहमद, इसाख खान का नाम भी मतदाता सूची से गायब था। इन लोगों ने मामला जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने उठाने की बात कही है।
दिल्ली, दुबई से पहुंचे पर नाम गायब
रुद्रपुर। वार्ड नंबर दो निवासी कंचन देवी दिल्ली में बीमार जेठानी को छोड़कर वोट देने रुद्रपुर आईं, लेकिन यहां आकर पता चला कि वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं है। उन्होंने बताया कि वह 21 जनवरी को अपनी बीमार जेठानी के साथ दिल्ली गई थीं। दो ट्रेन बदलकर मतदान के लिए बृहस्पतिवार सुबह ही रुद्रपुर पहुंची थी। लेकिन उनका व पति का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था। इसके चलते वे मतदान नहीं कर पाई। चुनाव के लिए दुबई से आए मोहम्मद सलीम का नाम भी मतदाता सूची में नहीं था। उनके परिवार के तीनों लोगों का नाम सूची से गायब था। वार्ड नंबर दो की मतदाता कृष्णा काॅलोनी निवासी दीपाली राय ने बताया कि उनके परिवार के आठ लोगों ने नाम लिस्ट में नहीं हैं। वार्ड के करीब डेढ़ हजार लोगों के नाम सूची से गायब हैं। इसी वार्ड के राहुल और उनकी पत्नी सुमन ज्योति के नाम भी सूची से गायब थे।
पिछली बार मेयर का चुनाव लड़ा, अबकी नाम गायब
रुद्रपुर। वर्ष 2018 के निकाय चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़े नंद लाल इस बार मतदान नहीं कर पाए। मतदाता सूची में नाम न होने से उन्हें मायूस होना पड़ा। नंद लाल ने मतदाता सूची में नाम न होने को लोकतंत्र के साथ भद्दा मजाक बताया। कहा कि लोगों के नाम मतदाता सूची में न होना चुनाव की निष्पक्षता पर सवालिया निशान है।
लोगों ने डीएम से की शिकायत
रुद्रपुर। वार्ड नंबर 40 के फूलमंडी बूथ पर निरीक्षण के लिए पहुंचे जिला निर्वाचन अधिकारी नितिन सिंह भदौरिया के सामने मतदाता सूची से नाम गायब होने का मामला उठाया। राघव सिंह ने डीएम को बताया कि कई वर्षों से मतदान करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार उनके साथ ही कई लोगों के नाम सूची में नहीं हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लिखित में शिकायत आने पर जांच की जाएगी।
सूची से नाम गायब होने पर लोगों में दिखी नाराजगी
काशीपुर। प्रशासन और सर्वे कर्मियों की लापरवाही के चलते भारी संख्या में सूची से नाम गायब होने पर लोगों ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने प्रशासन से मामले की जांच कराने की मांग की है।
हेमपुर इस्माइल निवासी नरेंद्र ने बताया कि उनके परिवार में नौ सदस्य है। सभी के नाम सूची से गायब है, जबकि पिछले चुनाव में उन्होंने मताधिकार का प्रयोग किया था। रवि व महावीर ने बताया कि वार्ड से करीब 100 लोगों के नाम सूची से कट गए हैं। वहीं वार्ड नंबर 10 के निवासी चंद्र प्रकाश बेलवाल, रेखा, निशांत, निष्कर्ष, कृतिका, घनश्याम के नाम भी सूची से गायब थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड में 100-150 लोगों के नाम गायब हो सकते हैं। उन्होंने मामले की जांच कराने की मांग की।