भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। शासन द्वारा घोषित कोरोना कर्फ्यू के तहत शहर में लगभग सभी प्रतिष्ठान खुले। इस दौरान बाजारों में लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली। बाजार में कपड़ों की दुकानों में लोगों का जमावड़ा देखा गया। सड़कों पर भी गाड़ियों की काफी चहल-पहल रही। बाजारों में लोगों ने मास्क तो लगाया था, लेकिन सामाजिक दूरी की पालन नहीं हो रहा था। इस कदर लोगों की भीड़ देखकर विशेषज्ञों का कहना था कि ऐसी लापरवाही कोरोना की तीसरी लहर के जल्द आने का कारण बन सकती है।
जिले में शनिवार और रविवार को सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली थीं। लेकिन सोमवार को सभी दुकानें खुलने के कारण सुबह से बाजार में लोगों की भीड़ देखने को मिली। लगभग सभी दुकानों में ग्राहकों का आना-जाना लगा रहा। लेकिन पंजाबी मार्केट और विधवानी मार्केट में कपड़े की दुकानों में भीड़ ज्यादा देखने को मिली। कपड़ों की दुकानों में दर्जनों की संख्या में लोग एक साथ बैठकर खरीदारी करते नजर आए। दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। वहीं स्टेशनरी की दुकानों में भी लोगों की काफी चहल-पहल रही। दुकानदारों का कहना है कि दुकान कई दिन बाद खुल रही हैं। जिस कारण लोगों की एक साथ भीड़ जमा हो जाती है। विवाह शादियों का सीजन है, जिसके कारण कपड़ों की दुकानों में लोगों का जमावड़ा ज्यादा रहता है। शहर की हार्डवेयर व अन्य दुकानों में इक्का दुक्का लोग दिखाई दिए। हालांकि सरकार की ओर से धीरे-धीरे रियायतें दी जा रही हैं लेकिन लोगों को अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है।
लोगों को अभी बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। दो गज की शारीरिक दूरी आवश्यक है। कोरोना की दूसरी लहर में आये वैरिएंट ने पूरे देश में लाखों लोगों की जान ले ली। ऐसे में तीसरी लहर का म्युटेंट स्वरुप कितना घातक हो सकता है इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। घर के बाहर हर समय मास्क लगाना, हाथों को साबुन से धोना, सैनिटाइजर का निरंतर प्रयोग बहुत जरूरी है। थोड़ी सी भी लापरवाही महामारी के फैलने व कई जानें लेने का कारण बन सकती है। —– डॉ सोनिया अदलखा, प्रबंध निदेशक नारायण अस्पताल
लोगों के साथ एक बहुत बड़ी समस्या यह है कि वह बहुत जल्दी भूल जाते हैं। कोरोना का प्रकोप थोड़ा कम क्या हुआ कि लोग लापरवाह हो गये हैं। एक महीने पहले तक यही लोग सभी नियमों का पालन कर रहे थे। लेकिन अब कोरोना गाइडलाइन को हवा में उड़ाया जा रहा है। यह सही नहीं है और शासन-प्रशासन को सख्ती दिखानी होगी। लॉकडाउन पूरी तरह खुलने पर स्थिति भयावह हो सकती है। —– डॉ दीपक छाबड़ा, प्रबंध निदेशक मेडिसिटी अस्पताल