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Sunday, November 10, 2024

लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, अडानी ग्रुप में लगा दुनियाभर के कई अमीरों को पैसा

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भोंपूराम खबरी। अडानी ग्रुप (Adani Group) मार्केट कैप के हिसाब से कुछ समय पहले देश का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना बन गया था। ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) पिछले साल सितंबर में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस बन गए थे। ग्रुप की कंपनियों के शेयर रॉकेट की स्पीड से भाग रहे थे और दुनियाभर के कई अरबपतियों ने बहती गंगा में हाथ धोए थे। लेकिन 24 जनवरी को अमेरिकी की शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research ने अडानी ग्रुप की दुनिया हिलाकर रख दी। ग्रुप के शेयरों में सात दिन में 60 फीसदी तक गिरावट आई है। अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है। शेयरों में गिरावट का असर यह हुआ कि मार्केट कैप के हिसाब से भारत पांचवें से छठे नंबर पर खिसक गया है। निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है। वे फाइनेंशियल एडवाइजर्स और लीगल एक्सपर्ट्स की चौखट पर खड़े हैं। अडानी ग्रुप में कई विदेशी कंपनियों का भी निवेश है। इसमें दुनिया के दो सबसे अमीर परिवार भी शामिल हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि संकट की इस घड़ी में वे अडानी ग्रुप के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं।

अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में एक साल में 1600 फीसदी से अधिक तेजी आई और दिसंबर में यह पीक पर पहुंच गया था। इसी तरह ग्रुप की दूसरी कंपनियों के शेयर भी रॉकेट की रफ्तार से बढ़े। Hindenburg Research की पिछले हफ्ते आई एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अत्यधिक कर्ज और शेयरों में गड़बड़ी की वजह से अडानी ग्रुप के शेयरों में यह तेजी आई। इसमें कहा गया है कि अडानी ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए इसे भारत के खिलाफ साजिश करार दिया था।

अडानी ग्रुप की कंपनियों में दुनियाभर के कई अमीरों का निवेश है। लेकिन अडानी ग्रुप की कंपनियों में अचानक शुरू हुई बिकवाली से इन लोगों का निवेश खतरे में पड़ गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें मलेशिया के सबसे अमीर शख्स, शिपिंग इंडस्ट्री से जुड़े एक टायकून और दुनिया के दो सबसे अमीर परिवार शामिल हैं। डेटा सेंटर सर्विसिंग, पैकेज्ड फूड से लेकर पोर्ट मैनेजमेंट तक में इन लोगों ने अडानी ग्रुप के साथ पार्टनरशिप की है। इन पार्टनरशिप के दम पर अडानी ग्रुप ने हाल के वर्षों में कई क्षेत्रों में अपना विस्तार किया है। यह टाटा ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज को पछाड़कर देश का सबसे बड़ा कॉरपोरेट ग्रुप बन गया था। सितंबर 2022 में इसका मार्केट कैप 22.25 लाख करोड़ यानी करीब 260 अरब डॉलर पहुंच गया था।

मलेशिया के सबसे अमीर शख्स और हॉन्ग कॉन्ग में रहने वाले Robert Kuok अडानी के सबसे पुराने पार्टनर्स में से एक हैं। उनकी कंपनी Wilmar International की अडानी विल्मर में आधी हिस्सेदारी है। फॉर्चून ब्रांड से तेल, चीनी और दूसरे प्रॉडक्ट बनाने वाली इस कंपनी की मार्केट वैल्यू 6.7 अरब डॉलर है। इस कंपनी में विल्मर फूड एक्सपर्टाइज देती है जबकि अडानी ग्रुप लॉजिस्टिक्स का काम संभालता है। Hindenburg की रिपोर्ट आने के बाद विल्मर ने इसी हफ्ते कहा था कि वह अडानी ग्रुप को सपोर्ट जारी रखेगी।

दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट (Walmart) का भी अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश है। वॉलमार्ट का मालिकाना हक दुनिया के दूसरे सबसे अमीर वॉल्टन परिवार के पास है। वॉलमार्ट ने कुछ साल पहले भारत की ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट (Flipkart) को खरीदा था। 2021 में फ्लिपकार्ट ने अपने सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए अडानी लॉजिस्टिक्स (Adani Logistics) के साथ हाथ मिलाया था। अडानी ग्रुप मुंबई में एक डेटा सेंटर बना रहा है और इसका एक हिस्सा फ्लिपकार्ट के लीज पर दिया जाना है। तब अडानी ग्रुप ने कहा था कि इस पार्टनरशिप से 2500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

वर्जीनिया की डेटा सेंटर सर्विसेज कंपनी EdgeConneX ने भारत में एक गीगावॉट की डेटा सेंटर कैपेसिटी बनाने के लिए अडानी ग्रुप के साथ जॉइंट वेंचर बनाया था। हालांकि इसमें कितना निवेश होगा, इसका खुलासा नहीं किया गया था। EdgeConneX के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर Phillip Marangella का कहना है कि Hindenburg के आरोपों के बावजूद जॉइंट वेंचर पर कोई असर नहीं होगा। इसी तरह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनी CMA CGM ने अडानी ग्रुप के साथ 2017 में 15 साल के लिए एक डील की थी। यह डील मुंद्रा पोर्ट पर एक टर्मिनल को चलाने के लिए थी। CMA CGM की अधिकांश हिस्सेदारी फ्रांस के Rodolphe Saade और उनके परिवार के पास है। अडानी ने हाल में इजरायल के दूसरे सबसे बड़े पोर्ट हाइफा को खरीदा है। इसमें इजरायल का Gadot Group उसका पार्टनर है। इसी तरह अबू धाबी की कंपनी International Holding Co. ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में दो अरब डॉलर का निवेश किया है। IHC की मैज्योरिटी हिस्सेदारी Royal Group के पास है जो Sheikh Tahnoon की कंपनी है। वह यूएई के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर और दुनिया के सबसे अमीर परिवार का हिस्सा हैं। Hindenburg रिपोर्ट के आने के बाद IHC ने भरोसा जताया है। साथ ही कंपनी ने अडानी एंटरप्राइजेज के FPO में 40 करोड़ डॉलर का निवेश भी किया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस एफपीओ को वापस ले लिया है और IHC के पैसे लौटा दिए हैं।

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