
भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। रुद्रपुर नगर निगम की बोर्ड बैठक में रविवार को जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेसी पार्षदों ने वेद में धरने देकर निगम द्वारा निकाले गए 43 टेंडरों को निरस्त करने की मांग करते हुए भष्टाचार के आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की। भारी विरोध के बाद मेयर रामपाल और एमएनए विशाल मिश्रा बैठक छोड़कर चले गए। बाद में मेयर रामपाल सिंह ने कांग्रेसी पार्षदों के आरोपों को निराधार करार बताया।

रविवार को नगर निगम की बोर्ड में जब एमएनए एजेंडा पढ़ रहे थे,तभी कांग्रेसी पार्षद मोहन खेड़ा ने नगर निगम के 43 टेंडरों में हुए फूल का मामला उठा दिया। उन्होंने पहले इसपर चर्चा की मांग की।
एमएनए इस मामले को एजेंडा के बाद रखने की भरोसा, लेकिन कांग्रेस पार्षद इसको तैयार हुए। इसी बीच सभी कांग्रेसी पार्षद बैठक में वेल पर धरना देकर नारेबाजी करने लगे, उन्होंने विवादित टेंडर भारी भष्टाचार का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू की तो मेयर रामपाल और नगर आयुक्त ने उन्हें समझाने का प्रयास किया। मगर कांग्रेसी पार्षद टेंडर निरस्त करने की मांग पर अड़ गए। उनका साफ कहना की मेयर ने अपने चहाते पार्षद और ठेकेदारों के साथ टेंडरों को पूल कराया है। उन्होंने मेयर के इस्तीफे की मांग रख दी। इधर मेयर की तरफ से भाजपा के कुछ पाषर्दों ने कांग्रेसी पार्षदों को विकास विरोधी करार दे हुए, उनसे बहार जाने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू की दी। काफी देर तक हुए हंगामे की बीच पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। इधर भारी हंगामे के बीच मेयर और नगर आयुक्त मौके से चले गए।बाद में मेयर ने मीडिया से रुबरू होते हुए कहा की कांग्रेसी पार्षद गलत आरोप लगा रहे हैं। अभी जिन टेंडरों में घपले का आरोप लगा रहे, टेंडरों की फाइल अभी तक उनके पास नहीं पहुंची। अगर उनके आरोप सही साबित होंगे तो टेंडरों को निरस्त किया जायेगा।