
भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता और असहायों की सहायता से बड़ी कोई पूजा नही होती। इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं उत्तराखंड पुलिस के जनपद ऊधमा सिंह नगर के एक कोतवाल।

हम अक्सर पुलिसकर्मियों का नाम सामने आते ही उन् बारे में तरह-तरह की बातें सोचने लगते है और कुछ पुलिसकर्मियों के कारण अक्सर उनके बारे में गलत विचार को अपने मन में जन्म दे देते है लेकिन ऐसा करना उन पुलिसकर्मियों के साथ नाइंसाफी हो सकती है जो ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करते है । आज हम जिस पुलिसकर्मी की हम बात कर रहे है उसे देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी मित्रता, सेवा सुरक्षा के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड के जनपद उधम सिंह नगर के रुद्रपुर कोतवाल विक्रम राठौर जिन्होने मित्रता, सेवा, सुरक्षा जैसे शब्दों को सही मायने में चरितार्थ करने के साथ मानवता की सच्ची मिसाल पेश की है
दरअसल कुछ दिन पहले फरियाद लेकर एक युवक जब रुद्रपुर कोतवाली पहुंचा तो कोतवाल विक्रम राठौर की नजर उस पर पड़ी। वह एक विकलांग युवक था। जिसको उनके पास तक आने में काफी दिक्क्त का सामना करना पड़ रहा था। उसे देखकर कोतवाल विक्रम राठौर पहले तो कुछ देर उदास और गुमसुम हो गए और फिर मन ही मन उसकी सारी परेशानी का अंदाजा लगा लिया। इतना ही नहीं इस दौरान कोतवाल विक्रम राठौ ने मन ही मन उस विकलांग युवक लिए कुछ करना का सोच लिया। अपने पास आए विकलांग युवक की पहले तो उन्होंने पूरी फरियाद सुनी, फिर बोले दोस्त अगली बार जब आप कोतवाली आओगे तो जैसे आए हो वैसे नहीं जाओगे ये मेरा आपसे वादा है।
एक फिल्मी डायलौग शायद जो आपने भी जरूर सुना होगा जो मैं कहता हूँ वो मैं करता हूं… और हां जो मैं नहीं बोलता हूं वो मैं डेफिनेटली करता हूं खिलाडी कुमार का ये बेहद ही फेमस डायलाग फिल्म राउडी राठौर का है। इस फ़िल्म में गरीबों का मसीहा बनकर खाकी वर्दी में विक्रम राठौर के किरदार में अक्षय कुमार नजर आये है। लेकिन हमारे विक्रम राठौर रील राठौर नहीं बल्कि रियल लाइफ के राठौर हैं जो अक्सर गरीबों के लिए वास्तव में मसीहा बनकर आते है। और वो अपनी कही हुई बात और वादे को हमेशा पूरा भी कर हैं।
इस सच्ची घटना में कुछ दिनों बाद विकलांग युवक समस्या के समाधान होने के बाद जब कोतवाली बुलाया जाता है तो कोतवाली परिसर में प्रवेश करते ही युवक की आंखों में आंसू आ जाते है। क्योंकि वहां पहले से मौजूद कोतवाल विक्रम राठौर एक नई इलेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल के साथ खड़े थे और युवक को यह समझते देश नहीं लगी कि रियल लाइफ के राठौर ने अपना वादा पूरा करते हुए उसके लिए एक ईलेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल मंगवा ली है। और आज वह कोतवाली से उस पर सवार होकर अपने घर जाएगा। युवक इस बात से काफी खुश था कि रियल लाइफ के कोतवाल विक्रम साहब ने अपना वादा निभाते हुए उसे बैटरी से संचालित होने वाली ट्राई साइकिल दिलाई है, हालांकि इस काम में कोतवाल विक्रम राठौर ने उनके सहयोगी मनीष और कमल ने भी पूरा साथ दिया था। इस दौरान ये पूरा दृश्य देख कोतवाली के सभी कर्मचारी बेहद ही भावुक हो गये। हर कोई उनके इस काम की सराहना करने लगा।
राठौर ने उस युवक की हौसला अफजाई की और मिठाई खिलाकर उसे लेक्ट्रॉनिक ट्राई साइकिल के साथ विदा किया। इस वाक्ये को जिसने भी सुना और देखा वो कोतवाल विक्रम राठौर की सराहना करने लगा। हम भी ऐसे पुलिसकर्मी को दिल से सलूट करते हैं जिनकी वज से अक्सर सोचने की दिशा और दशा बदल जाती है और ऐसे पुलिसकर्मियों के चलते पुलिस विभाग का सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाता है साथ ही समाज और देश-दुनिया में पुलिस की छवि बेहतर बनती है।