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Tuesday, October 8, 2024

राम और राष्ट्र से समझौता नहीं…’ कांग्रेस से निकाले जाने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम का पहला रिएक्शन

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भोंपूराम खबरी। आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल में त्यागी परिवा में हुआ था. वह दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. पार्टी ने साल 2014 में उन्हें संभल और 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बनाया था. दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया. शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘प्रमोद कृष्णम को तुरंत छह साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसमें कहा गया कि यह निर्णय ‘अनुशासनहीनता की शिकायतों और पार्टी के खिलाफ बार-बार सार्वजनिक बयानों’ के बाद लिया गया।

कांग्रेस से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा, ‘राम और राष्ट्र पर समझौता नहीं किया जा सकता’. बता दें कि प्रमोद कृष्णम लगातार सार्वजनिक मंचों पर खुलकर राहुल गांधी का विरोध करते थे और प्रियंका गांधी का पक्ष लेते थे. उनकी मांग थी कि कांग्रेस की कमान प्रियंका के हाथों में दी जानी चाहिए, तभी पार्टी का कायाकल्प संभव है. बीते कुछ दिनों से वह भाजपा के प्रति सहानुभूति भी दिखा रहे थे। पार्टी लाइन से इतर जाकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर पर भाजपा का समर्थन किया था. उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार करने के कांग्रेस के फैसले की खुलकर आलोचना की थी और इसे दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया था. वह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने 22 जनवरी को अयोध्या भी गए थे. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें 19 फरवरी को कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में संभल आने का निमंत्रण दिया था. वह कल्कि धाम के पीठाधीश्वर भी हैं।

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद आचार्य प्रमोद कृष्ण ने कहा था, ‘उनसे मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ वि उनपर दैवीय कृपा है. वह दैवीय शक्ति के प्रतीक हैं. पीएम से मिलकर मुझे जो अनुभूति हुई, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने विपक्षी गठबंधन को लेकर भी तंज कसा था. प्रमोद कृष्णम ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘INDIA ब्लॉक बचा ही कहां है. जन्म होते ही यह गठबंधन बीमार होकर आईसीयू में चला गया. इसके बाद पटना में नीतीश कुमार ने इसका अंतिम संस्कार कर दिया. जयंत चौधरी जल्द ही INDIA ब्लॉक का श्राद्ध कर देंगे’.

कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम?

आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल में त्यागी परिवा में हुआ था. वह दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. पार्टी ने साल 2014 में उन्हें संभल और 2019 में लखनऊ से प्रत्याशी बनाया था. दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वह कांग्रेस की उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद का हिस्सा थे, जिसका गठन तत्कालीन यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा की मदद के लिए किया गया था. आचार्य प्रमोद के कांग्रेस से नाराज होने का एक कारण समाजवादी पार्टी का संभल और लखनऊ दोनों सीटों पर 2024 में अपने उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा को माना जा रहा है. बता दें कि सपा इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है और यूपी में 2024 के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है।

 

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