भोंपूराम खबरी। जिले के कोट से लेकर नैनीडांडा, बीरोंखाल, जयहरीखाल, दुगड्डा आदि ब्लॉकों में आने वाली स्कूलों में छात्र संख्या घटने के कारण यहां के 14 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। पौड़ी जिले में शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद भी प्राइमरी स्कूलों में छात्र संख्या नहीं बढ़ पा रही है। जिसके चलते मौजूदा सत्र में छात्र संख्या शून्य हो जाने की वजह से जिले में 14 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया। आपको बता दें बीते सत्र में प्राइमरी स्कूलों की संख्या 1407 थी। वही इन स्कूलों के बंद हो जाने के बाद अब जिले में स्कूलों की संख्या का आंकड़ा 1397 पर आ गया है। साथ ही इन स्कूलों में तैनात 18 शिक्षकों का समायोजन भी विभाग ने अन्य स्कूलों में करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
दरअसल सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या को लेकर शिक्षा महकमे चिंता की स्थिति में है। जानकारी के मुताबिक जिले के कोट ब्लॉक से लेकर बीरोंखाल, नैनीडांडा, जयहरीखाल, दुगड्डा आदि ब्लॉकों में आने वाली स्कूलों में छात्र संख्या घटती हुई नजर आई। इस दौरान निजी स्कूलों की तर्ज पर आदर्श स्कूलों का भी संचालन किया गया है। हालांकि, इसका कुछ असर भी दिखाई दिया। शिक्षा विभाग ने जिले के कुछ स्कूलों को अंग्रेजी स्कूलों की तर्ज पर मॉडर्न बनाया है। पौड़ी जिले में आदर्श स्कूलों की संख्या 45 है। हर ब्लॉक में एक आदर्श स्कूल है। इन स्कूलों में वन प्लस फाइव टीचर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा स्कूल पूरी तरह से इंग्लिश मीडियम में संचालित हो रहे हैं। साथ ही पीएम श्री उत्कृष्ट स्कूलों का भी चयन किया गया है। इसमें 1 से लेकर 12वीं तक के स्कूलों का चयन मानकों के तहत किया गया है।
पौड़ी जिले में ऐसे 13 स्कूल चयनित हैं, जिसमें 6 माध्यमिक और शेष प्राइमरी स्कूल शामिल हैं। केंद्र सरकार इनके पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर व्यय उठा रही है। स्कूलों में कंप्यूटर से लेकर लाइब्रेरी आदि की सुविधाएं भी दी जाएंगी। पौड़ी के डीआईओ डॉ. शिव पूजन सिंह का कहना है कि छात्र संख्या शून्य हो जाने के कारण, ऐसे स्कूलों में तैनात 18 शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में समायोजित कर दिया गया है। इनका प्रस्ताव संबंधित ब्लॉकों से आया था। इसके बाद यह निर्णय लिया गया है।