भोंपूराम खबरी,हल्द्वानी। तराई पूर्वी वन प्रभाग ने एफटीआई सभागार में “मानव-वन्यजीव संघर्ष और मीडिया की भूमिका” विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने मानव-वन्यजीव संघर्ष के दौरान मीडिया कवरेज के महत्व और चुनौतियों पर चर्चा की। कार्यशाला में मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं सहित वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान मीडिया प्रतिनिधियों ने संवादहीनता और सूचना की उपलब्धता जैसी समस्याओं को वन अधिकारियों के समक्ष रखा। मीडिया ने सुझाव दिया कि वन्यजीव संघर्ष के मामलों में विभाग की ओर से समय पर और तथ्यात्मक जानकारी साझा की जानी चाहिए।
इस पर अधिकारियों ने मीडिया के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए वन विभाग में एक मीडिया सेल गठित करने का आश्वासन दिया। कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने मीडिया की भूमिका को जिम्मेदारीपूर्ण और संतुलित रखने की अपील की, ताकि संघर्ष से जुड़े मामलों में सही जानकारी जनता तक पहुंचे और अफवाहें न फैलें। कार्यक्रम में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए योजनाओं पर काम हो रहा है। उन्होंने मीडिया को इस प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा मानते हुए भरोसा जताया कि बेहतर संवाद से इस चुनौती का सामना किया जा सकेगा। कार्यशाला का उद्देश्य मीडिया और वन विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर मानव-वन्यजीव संघर्ष के दौरान जिम्मेदार पत्रकारिता को प्रोत्साहित करना था।