भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धसाव को लेकर पी.सी.तिवारी की जनहित याचिका में पर सुनवाई करते हुए पूर्व के आदेशों को गम्भीरता से नहीं लेने और आदेश का अनुपालन नहीं करने पर मुख्य सचिव(सी.एस.)को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई 22 सिंतबर को तय की है। जनवरी 2023 को न्यायालय ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि इसकी जाँच के लिए सरकार इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट सदस्यों की कमेटी गठित करेगी। इसमें सदस्य के रूप में पीयूष रौतेला और एम.पी.एस.बिष्ठ भी होंगे। इस कमिटी को सरकार ने अभी तक क्यों नहीं गठित किया है और क्या सरकार ने किसी एक्सपर्ट से सलाह ली है ? सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि सरकार इस मामले को गम्भीरता से नहीं ले रही है।