Tuesday, February 11, 2025

यहां पकड़ा गया यूनिफॉर्म पहनकर घूमता हुआ फर्जी डॉक्टर

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भोंपूराम खबरी। ऋषिकेश एम्स (AIIMS) में फर्जी डॉक्टर बनकर घूम रहा एक युवक को सेवा वीरों द्वारा पकड़ा गया है। एम्स के प्रशासनिक अधिकारी ने युवक को पुलिस के हवाले कर दिया है। तहरीर देकर युवक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ गहन जांच पड़ताल के लिए भी कहा है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

एम्स (AIIMS) के पीआरओ हरीश थपलियाल के मुताबिक आज सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में डॉक्टर की वर्दी पहनकर घूम रहा एक युवक सेवा वीरों को दिखाई दिया।युवक से पूछताछ करने पर उसने खुद को न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट का डॉक्टर बताया, लेकिन पूछताछ में युवक की बातें संदिग्ध दिखाई दी। जिसके बाद एम्स के प्रशासनिक अधिकारी मौके पर आए। पूछताछ में युवक फर्जी रूप से डॉक्टर की वर्दी पहनकर घूमना पाया गया। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी संदीप कुमार ने एम्स चौकी पुलिस को तहरीर देकर फर्जी डॉक्टर बने युवक के खिलाफ गहन जांच पड़ताल और कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा है। युवक की पहचान सचिन कुमार निवासी कृष्णा नगर कॉलोनी ऋषिकेश के रूप में हुई है। सचिन ने एम्स के अधिकारियों को बताया कि उसने कोविड-19 के दौरान डीआरडीओ के अस्पताल में बतौर हॉस्पिटल अटेंडेंट के रूप में काम किया है। जिसके बाद वह यहां से चला गया। पीआरओ हरीश थपलियाल ने बताया कि फर्जी डॉक्टर के मोबाइल नंबर से 50 से अधिक रजिस्ट्रेशन एम्स में कराए गए हैं,जिसका डाटा बरामद कर लिया गया है,इसके अलावा उसके पास 10 हजार से अधिक नकद रुपए भी बरामद हुए हैं। जबकि उसके मोबाइल से लाखों रुपए की कई लेने देन हुई है। इसके अलावा कई प्रकार के फर्जी दस्तावेज भी उसके मोबाइल में देखे गए हैं। यह मामला केवल डॉक्टर की वर्दी पहनकर फर्जी रूप से घूमने तक सीमित नहीं हो सकता। कई प्रकार के और षड्यंत्र भी इसमें शामिल हो सकते हैं। इसलिए इसकी गहन जांच करनी जरूरी है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर पुलिस से इसमें बड़ी कार्रवाई करने के लिए भी कहा जाएगा।

आपको बता दें कि एम्स में बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए पंहुचते हैं, लेकिन बेड की संख्या सीमित होने के कारण कई लोगों को वापस जाना पड़ता है,ऐसे में इस तरह के कुछ लोग उनकी मजबूरी का भी फायदा उठा लेते हैं, और उनको प्राइवेट अस्पतालों में भी भेजने के नाम पर मोटी कमीशन खा लेते हैं,वहीं कई तरह की जांच और बेड दिलवाने के नाम पर भी फर्जीवाड़ा हो सकता है।

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