भोंपूराम खबरी। उधमसिंहनगर जिले से बड़ी खबर आपको बता दें की गुलरभोज स्थित हरिपुरा जलाशय के ठेका प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन होने पर हाईकोर्ट ने टैण्डर प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने जसवंत सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया है।
आपको बता दें की कोर्ट ने ठेका प्रक्रिया को नियमानुसार करने का भी आदेश दिया है। हालांकि, आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ख ठेकेदार द्वारा काम को जारी रखा गया है। जिससे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। दरअसल, साल 2021 में गुलरभोज स्थित हरिपुरा जलाशय के ठेके के लिये विभाग द्वारा निविदा आमंत्रित की गयी थी। 6 दिसम्बर, 2021 को जारी निविदा में जलाशय को दस वर्ष के लिये 36.08 लाख रुपये में देने के लिये निविदा जारी हुई थी। इस संबंध में ए एंड एस कंसट्रक्शन इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी को ठेका दिया गया था। इस संबंध में जसवंत सिंह पुत्र सरदार सिंह निवासी अलखदेवा गदरपुर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर पर ठेका प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन होने का दावा किया।
उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद स्पष्ट हुआ कि विभाग द्वारा नियमों की अनदेखी की गयी है। जिस पर कोर्ट ने 26 सितम्बर, 2023 को ठेका प्रक्रिया को निरस्त कर दिया। साथ ही कोर्ट ने नियमानुसार ठेका देने के लिये विभाग को आदेशित भी किया। जसवंत सिंह के अनुसार विभाग ने जिस कंपनी को ठेका दिया था, वह कंपनी राजस्थान में ब्लैक लिस्टेट भी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिस ठेके को 36 लाख रुपये में दस वर्ष के लिये दिया गया था, उसे 1.18 करोड़ में दिया जाना चाहिए था, वो भी पांच वर्ष के लिये। क्योंकि नियम पांच वर्ष का ही है। जसवंत सिंह का आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद ठेकेदार ने काम को जारी रखा हुआ है। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों से कोर्ट के आदेश का पालन करने की मांग की है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद जसवंत सिंह ने रुद्रपुर में जिला अधिकारी उदयराज सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि हाईकोर्ट ने हरिपुरा जलाशय के ठेका प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। बावजूद इसके वहां पर ठेकेदार द्वारा लगातार मछली पकड़ने का काम किया जा रहा है। ऐसे में प्रशासन को चाहिये कि ठेका प्रक्रिया के | निरस्त होने व दोबारा ठेका होने तक मछली पकड़ने के काम पर रोक लगवाई जाए।