भोंपूराम खबरी। भारत ने चार देशों के यूरोपीय समूह ‘EFTA’ के साथ वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में परस्पर व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रविवार को एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई थी।
इस समझौते के बाद भारत और ईएफटीए में शामिल चार देश ( आइसलैंड, लाइकेस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड) के साथ वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में व्यापार आसानी से बढ़ा सकेगा।
पीयूष गोयल ने की बैठक की अध्यक्षता
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-ईएफटीए व्यापार समझौते पर बैठक की अध्यक्षता की। चार देशों के यूरोपीय संगठन ईएफटीए देशों के साथ भारत के बढ़ते निवेश और व्यापार का जिक्र करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि बढ़ते व्यापार और निवेश की वजह से हम विश्वास और महत्वाकांक्षा के एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं।
ईएफटीए देशों को हर संभव सहायता देगा भारत: पीयूष गोयल
डिजिटल व्यापार, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, परिवहन और रसद, औद्योगिक मशीनरी, जैव प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में ईएफटीए देशों का वैश्विक नेतृत्व रहा है। एफीटए और भारत के बीच फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण और स्वच्छ ऊर्जा सहयोग के नए द्वार खुलेंगे। भारत ईएफटीए देशों को हर संभव सहायता देगा और उद्योग और व्यवसायों को न केवल प्रतिबद्ध लक्ष्यों को प्राप्त करने, बल्कि उनसे आगे बढ़ने की सुविधा भी देगा।
समझौते में 14 अध्याय शामिल
भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर बातचीत कर रहे हैं। समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें वस्तुओं का व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं।