भोंपूराम खबरी,इंफाल। कुकी-मैतेई माता-पिता की संतान सात वर्षीय लड़के को उसकी मां और चाची के साथ जिंदा जलाए जाने के मामले की जांच भी मणिपुर पुलिस (Manipur Police) द्वारा सीबीआई (CBI) को सौंप दी गई है। इसी के साथ हिंसाग्रस्त मणिपुर में 20 मामलों की जांच अब सीबीआई के पास है।
क्या है पूरा मामला?
एक राहत शिविर में परिजनों संग रह रहे टोंसिंग हैंगसिंग के सिर में गोली लगने के बाद उसकी मां मीना हैंगसिंग और चाची लाडिया लौरेम्बम उसे एंबुलेंस से राजधानी इंफाल के अस्पताल में ले जा रही थीं।
जिले के इरोइसेम्बा में करीब दो हजार लोगों की भीड़ ने चार जून को पुलिस की सुरक्षा में जा रही इस एंबुलेंस पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया था। ड्राइवर और नर्स को भीड़ ने जाने दिया, जबकि हवा में गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों को भी मजबूरन पीछे हटना पड़ा था।
अधिकारियों ने क्या कुछ कहा?
अधिकारियों ने कहा कि भीड़ ने लड़के की मां और उसकी चाची द्वारा उन्हें जाने देने की बार-बार की गई गुहार पर भी कोई तरस नहीं खाया और तीनों को एंबुलेंस में ही बंद कर आग लगा दी थी। लड़के की मां मैतेई समुदाय से थी, जबकि उसके पिता कुकी समुदाय से।
गैर इरादतन हत्या के प्रयास का मामला दर्ज
सीबीआई के अधिकारियों को दो एफआइआर सौंपी गई हैं। एक लाम्फेल स्टेशन में पुलिस द्वारा दर्ज की गई, जबकि दूसरी लड़के के पिता जोशुआ हैंगसिंग द्वारा कांगपोकपी थाने में दर्ज कराई गई। लाम्फेल थाने में मामला हत्या से संबंधित धाराओं के तहत जबकि कांगपोकपी में मामला गैर इरादतन हत्या के प्रयास के तहत दर्ज है।अधिकारियों ने बताया,
सीबीआई को सौंपे गए 20 मामलों में से एक उस मैतेई महिला का भी है, जिसने दावा किया था कि तीन मई को अज्ञात आदिवासी कुकी नेताओं द्वारा उसके साथ दुष्कर्म किया गया था।
महिला का कहना था कि चूड़चंदपुर जिले के खुमुजाम्बा के पास ये वारदात हुई। इस संबंध में बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अधिकारियों ने कहा कि यह एक जटिल मामला है, क्योंकि जिस गांव में उसने वारदात का दावा किया था, वहां के स्थानीय अफसरों ने आरोपों से इनकार किया है।
इन अफसरों ने बयान में कहा कि महिला परिवार के साथ चूड़चंदपुर के नगाथल गांव में रहती थी, लेकिन पांच साल पहले भारी कर्ज होने के बाद उसने सपरिवार गांव छोड़ दिया था और तब से लौटी नहीं थी।
अबतक कितने लोगों की हुई मौत?
बता दें कि मणिपुर में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अबतक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेयी समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है जबकि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-नगा आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है।
उखरुल में तैनात होंगे बीएसएफ के जवान
बीएसएफ की एक टीम को मणिपुर के उखरुल जिले के कुकी थोवई गांव में तैनात किए जाने की संभावना है, जहां शुक्रवार को हथियारबंद लोगों ने तीन युवकों की हत्या कर दी थी। सूत्रों ने बताया,
सुरक्षा बल आसपास की पहाडि़यों के जंगलों में तलाशी ले रहे हैं, जहां हथियारबंद लोगों के छिपे होने की आशंका है। यह पहली बार था कि जब तांगखुल नगाओं के प्रभुत्व वाले उखरुल जिले में कोई हमला हुआ। तीनों युवकों के शरीर पर तेज धार हथियार से वार किए जाने के निशान थे और उनके अंग भी कटे हुए थे।
सूत्रों के अनुसार, कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन की मदद के लिए राज्य के नौ जिलों में बीएसएफ की लगभग 60 कंपनियों को तैनात किए जाने की संभावना है।