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Friday, July 26, 2024

निराश्रित गोवंशीय पशुओं की सेवा में जुटी युवाओं की टीम

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भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। वैश्विक महामारी के दौरान जहाँ निर्धन, विपन्न और बेसहारा लोगों की सहायता के लिए संपन्न लोगों ने हाथ बढ़ाएं हैं तो निराश्रित जीव-जंतुओं की सेवा के लिए भी लोग पीछे न रहे। लेकिन नगर में एक संगठन ऐसा भी है जो मात्र इस महामारी के दौर में ही नहीं बल्कि बीते कई सालों से निराश्रित गोवंश के लिए समर्पित भाव से उनकी सेवा में जुटा हुआ है।

“पहली रोटी गाय की” नाम से पंजीकृत यह संस्था पिछले साढ़े तीन वर्षों से लगतार प्रतिदिन रूद्रपुर शहर में घूम रहे आवारा गोवंशीय पशुओं को शहर के प्रत्येक वार्ड में पहुंचकर उनको चारा और रोटी खिलाकर उनका पेट भरने का काम करती है। संस्था के संस्थापक विकास बठला ने बताया कि उनके और उनकी पूरी टीम के द्वारा पहले लोगों से घर-घर जाकर रोटी और गाय के खाने की सामग्री को इकट्ठा किया जाता है और उसके बाद उनके व उनकी टीम द्वारा चारा काट कर बोरियों में भरा जाता है। जिसके पश्चात वह और उनकी टीम अलग-अलग समूह में बंट कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाते हैं और उन्हें जो भी निराश्रित गोवंशीय पशु सड़कों पर दिखाई देते है वह उन्हें चारा और रोटी आदि खिलाते है। यह सेवा निरन्तर प्रतिदिन इसी प्रकार चलती है जिससे नगर के निराश्रित गोवंशीय पशुओं को भूख एवं प्यास से तड़पना नहीं पड़ता और उन्हें भर पेट भोजन उपलब्ध हो जाता है ।

संस्था के गठन के विचार के बारे में विकास बठला ने बताया कि उनका मानना है कि हिन्दू धर्म में गौ सेवा को सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना गया और गौ सेवा से बढ़कर कोई सेवा नही हो सकती इसलिए उन्होंने इस कार्य को करने का संकल्प लिया। बता दें कि विकास बठला की शहर के आदर्श कॉलोनी वार्ड नं 17 में रहते हैं। वह अपने परिवार और सात मित्रों की मदद से पिछले लगभग 3 वर्षों से एक अनोखे अन्दाज में गौ सेवा का कार्य कर रहे हैं। विकास प्रति दिन सुबह 6 बजे अपने घर से निकलकर लोगो के घरों में जा-जा कर रोटियां एवं खाने की सामग्री एकत्र करते हैं। जो भी खाने की सामग्री या पका हुआ खाना उनको मिलता है उसको एक स्थान पर एकत्र करते हैं फिर शहर के आसपास जो भी आवारा गाय या पशु दिखाई देते हैं उनको अपने हाथों से खाना खिला कर सेवा करते हैं। साथ ही यदि किसी कारण जिस दिन घरों से खाना नहीं मिल पाता या कम पड़ जाता है तो यह अपने निजी खर्चे पर गायों के खाने के लिए चारे की व्यवस्था करते हैं ताकि कोई भी गाय अथवा बैल-बछड़ा भूखे न रहे। वहीं गौ सेवक विकास के इस गौ प्रेम को देख कर शहर वासी भी काफी उत्साहित हैं और इस मुहिम में आगे आकर उनकी हर संभव मदद करते दिखाई दे रहे है और उनका भरपूर साथ भी दे रहे हैं ।

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