भोंपूराम खबरी। पिछले काफी दिनों से बागेश्वर धाम के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आपने चमत्कारों को लेकर काफी लोकप्रिय हुए हैं। नागपुर की संस्था से चुनौती मिलने के बाद से ही धीरेंद्र शास्त्री चर्चा का विषय बने हुए हैं। कई लोग उन पर आरोप लगा रहे हैं तो कई लोग उनका खुलकर समर्थन भी कर रहे हैं।
इन सबके बीच अब चावल वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं। जैसे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर्चे पर लिखकर लोगों का भविष्य बता देते हैं वैसे ही आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री लोगों के द्वारा लाए गए चावल को देखकर उनका भूत, भविष्य और वर्तमान बता देते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दे कि, नरेंद्र शास्त्री चाय वाले बाबा और चावल वाले बाबा (chawal wale baba) के नाम से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में लोकप्रिय हैं। दूर-दूर से लोग अपनी समस्या का समाधान पाने के लिए चावल वाले बाबा के पास पहुंच रहे हैं। बता दे कि, आचार्य नरेंद्र शास्त्री का जन्म 29 जुलाई 1989 को छत्तीसगढ़ के रायपुर के पास सिलयारी गांव में हुआ था।
आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री के मुताबिक, उन्होंने साढ़े 9 साल की उम्र में अपनी पहली देवी भागवत की थी, जिसके बाद पिछले 23 सालों से देशभर में भागवत कर रहे हैं। बताया जाता है कि, नरेंद्र शास्त्री के पास लोग अपने घर से एक मुट्ठी चावल और लाल रंग के मदार का फूल लेकर जाते हैं। जिसे देखकर आचार्य नरेंद्र उनका नाम जन्म तिथि एवं उनकी समस्याएं उन्हें तत्काल बता देते हैं। साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान भी उनको बताते हैं।
जानकारी के मुताबिक आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री पिछले 18 सालों से भोजन का त्याग कर दिया है। वह केवल लाल चाय और पानी पीकर ही जीवन जी रहे हैं। इस विषय पर उनसे जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह फैसला उन्होंने हठधर्मिता के कारण लिया है। आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री बताते हैं कि वह जहां भी पूजा-पाठ भागवत के लिए जाते हैं। वहां जो भी चढ़ावा आता है जो भी पैसे मिलते हैं, जो भी सामान वहां चढ़ता है वह उसी गांव के निर्धन कन्या को बांट कर आ जाते हैं।