भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। कांग्रेस कार्यकारी जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने धामी सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी तथा मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट बताया है। जारी बयान में हिमांशु गावा ने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गये बजट में नया कुछ भी नहीं है। इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी व पलायन रोकने के कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं। सरकार ने सभी क्षेत्रें के लिए निराशाजनक बजट प्रस्तुत किया गया है। बजट में ग्रामीण क्षेत्रें के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। बजट का आकार बढ़ाया गया है परन्तु आय के श्रोत नहीं बताये गये हैं। बजट में ऐसे विभाग जो गांव, गरीब, दलित व कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने वाले हैं उनके बजट जैसे कृषि विभाग, समाज कल्याण विभाग, एस-सी-पी-, एस-टी-पी-, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी तथा पंचायतों के बजट में आंकड़ों की जादूगरी के सिवा कुछ नहीं किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रें से पलायन रोकने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया, बजट में पर्यटन, महिला सुरक्षा, नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है। चारधाम यात्र की मूलभूत सुविधाओं के लिए 10 करोड़ के बजट की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरे के समान है वहीं राज्य के मुख्य आय के स्रोत पर्यटन के लिए बजट में नामात्र की घोषणा की गई है। राज्य सरकार के बजट में स्वयं के संसाधनों से 24744 प्राप्ति की अपेक्षा 77407 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तुत किया गया है तथा केन्द्र सरकार के बजट की घोषणाओं का ढिंढोरा पीटा गया है। बजट घाटे की पूर्ति के लिए आय का कोई स्रोत नहीं सुझाया गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में कर्ज लेकर घी पीने की कहावत चरितार्थ की गई है। जैसी आशंका थी वह इस बजट में साबित हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार अपने इस बजट में भी कोई ऐसी योजना लागू नहीं कर पाई है जिसको यह सरकार अपनी एक बडी उपलब्धि के रूप में गिनाते हुए समाज के बड़े वर्ग को लाभ पहुंचाने वाली योजना के रूप में प्रचारित कर सके। वित्त मत्री ने अपने बजट भाषण में समाज के कमजोर तबके, बेरोजगार, महिलाओं का ध्यान रखने की बजाय राज्य सरकार के महिमा मण्डन का विशेष ध्यान रखा है। जीरो टॉलिरेंस जैसे भाजपा की राज्य सरकार के वादे उनके अन्य वादों की भांति चुनावी जुमले साबित हुए हैं।