भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। असम के मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेसी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी मामले पर उधम सिंह नगर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की न्यायालय, रुद्रपुर में की कोर्ट में डा गणेश उपाध्याय द्वारा दाखिल परिवाद पर सुनवाई करते हुए उनके बयान दर्ज किए गये थे। आज कोर्ट ने असम के सीएम हिमता बिसवासर्मा को सम्मन जारी करके 30 सितंबर को तलब किया है।
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमता बिसवासर्मा द्वारा वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किच्छा में हुई जनसभा को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने जिला एवं सत्र न्यायालय, रुद्रपुर ऊधम सिंह नगर की कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया था। दाखिल परिवाद पर डॉ गणेश उपाध्याय ने अपने बयान दर्ज कराते हुए कहा कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान असम राज्य के मुख्यमंत्री हिमता बिसवासर्मा ने 67 किच्छा विधान सभा में किच्छा नगर में स्थित तहसील कार्यालय के सामने इन्द्रा गांधी मैदान में दिनांक 11 फरवरी 2022 को एक राजनीतिक दल के उम्मीदवार का प्रचार करते हुए दिन में लगभग एक बजे के आसपास एक सभा को सार्वजनिक रूप से सम्बोधित किया। हिमता बिसवासर्मा मुख्यमंत्री द्वारा अपने सम्बोधन में कांग्रेसी नेता व तत्कालीन सांसद राहुल गांधी का नाम लेकर पूर्ण विद्वेष भावना से ग्रसित होकर शब्दों * आप कौन सा पिता के बेटे है, हमने प्रूफ मांगा क्या * उद्बोधन किया तथा हिमता बिसवासर्मा का यह सम्बोधन प्रत्यक्ष रूप से भी राहुल गांधी की माता एवं सांसद श्रीमती सोनिया गांधी के चरित्र के प्रति लांछन लगाने वाला उद्बोधन सार्वजनिक रूप से किया गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी का चरित्र हनन किया गया है। यह निश्चित रूप से यह सूचना एवं प्रोद्योगिकी कानून के प्रावधानों का दुरूपयोग भी है। समाज के सभ्य लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने न्यायालय पूर्व में असम के मुख्यमंत्री हिमता बिसवासर्मा के खिलाफ दाखिल परिवाद में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। इस मामले पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश उधम सिंह नगर मीना देउपा ने सम्मन जारी कर मुख्यमंत्री असम हेमंत बिसवासर्मा को 21 सितंबर को हाजिर होने के लिए नोटिस भेजा है