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Saturday, July 27, 2024

क्यों बिखर रहा है I.N.D.I.A. गठबंधन? अब तक कांग्रेस को 13 बड़े नेता कह चुके अलविदा, निशाने पर राहुल गांधी ही क्यों?

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भोंपूराम खबरी। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस को रोज एक न एक झटका लग रहा है। उसके नेता कब उसका साथ छोड़ दें पता नहीं चलता। जैसे ही कोई चुनाव शुरू होता है, उसी समय से नेताओं का कांग्रेस छोड़कर जाना शुरू हो जाता है। क्या महाराष्ट्र, क्या मध्य प्रदेश, क्या कर्नाटक, सभी राज्यों से कांग्रेस के कई बड़े नेता या तो पार्टी छोड़ चुके हैं या छोड़ने की अटकलें लग रही हैं।

10-12 साल पहले कांग्रेस के किसी बड़े समारोह में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पहुंचते ही उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, आरपीएन सिंह, जितिन प्रसाद समेत अन्य युवा नेता घेर लेते थे। ये सभी नेता कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों को छोड़ चुके हैं। अभी कांग्रेस की स्थिति यह है कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान महाराष्ट्र में एक महीने में तीन नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है।

तीन नामों में से एक महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने सोमवार (12 फरवरी) को ही पार्टी से ही इस्तीफा दिया है। इससे पहले 8 फरवरी को महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी ने इस्तीफा दिया था। बाबा सिद्दीकी ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा था कि आज मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (INC) की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।

इसके अलावा तीसरा नाम मिलिंद देवड़ा का है, जिन्होंने पिछले महीने ही इस्तीफा दिया था। इसको लेकर मिलिंद देवड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “आज मेरी राजनीतिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ। इस ब्रिगेड के नेताओं में सचिन पायलट जैसे एकाध गिने चुने बचे हैं।

वहीं, बीजेपी नेताओं की मानें, तो कांग्रेस के करीब डेढ़ दर्जन नेता पार्टी से इस्तीफा देने का मन बना चुके हैं। ये सब बीजेपी के संपर्क में हैं और इन नेताओं को अभी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की अनुमति नहीं मिली है। माना जा रहा है कि फरवरी के तीसरे सप्ताह के बाद से लेकर मार्च के दूसरे सप्ताह तक बीजेपी कांग्रेस के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

राहुल गांधी के कई करीबी बीजेपी के साथ

कांग्रेस पार्टी के अंदर अभी जो हलचल है, वह हाल-फिलहाल से नहीं है। बल्कि अंतर्कलह की वजहों से काफी सालों से है, जिसको सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अब मल्लिकार्जुन खरगे तक रोकने में असक्षम दिख रहे हैं। सोनिया गांधी के साथी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, गुलाम नबी आजाद (अलग पार्टी), रीता बहुगुणा जोशी, तो वहीं राहुल गांधी की लगभग टीम आज बीजेपी के साथ हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, सुष्मिता देव, प्रियंका चतुर्वेदी, जितिन प्रसाद, अशोक तंवर, आरपीएन सिंह, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर, जैसे नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इसके अलावा अशोक चौधरी, हिमन्त बिश्व शर्मा, सुनील जाखड़, अश्वनी कुमार, जैसे बड़े नेता भी पार्टी को अलविदा कर चुके हैं।

नेता ही नहीं सहयोगियों का भी छूटा साथ

हाल ही में कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी पार्टियों ने इंडिया गठबंधन खड़ा किया था। लेकिन चुनाव से पहले ही इंडिया गठबंधन टूट गया। ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग में नहीं हैं। जयंत चौधरी बीजेपी के साथ जा चुके हैं। नीतीश कुमार फिर पलटी मार चुके हैं। शिवसेना और एनसीपी टूट चुकी है। दोनों का नेतृत्व जिनके पास है, वो कांग्रेस के खिलाफ हैं।

अशोक चव्हाण – अशोक चव्हाण ने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विधायक पद भी छोड़ दिया है। अशोक चव्हाण ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को इस्तीफा सौंपा। सूत्रों के मुताबिक, अशोक चव्हाण 13 बड़े नेताओं के साथ भाजपा जॉइन कर सकते हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है।

बाबा सिद्दीकी – महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी शनिवार (10 फरवरी) को अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए। सिद्दीकी ने मुंबई में डिप्टी सीएम अजित पवार और NCP के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल सहित दूसरे नेताओं की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की। उन्होंने 8 फरवरी को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।

मिलिंद देवड़ा – मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से 14 जनवरी को इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, “आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ है। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है।”

कपिल सिब्बल – कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने 16 मई 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के एक हफ्ते बाद इसकी घोषणा की थी। उन्होंने बाद में समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद के तौर पर नामांकन भरा था।

गुलाम नबी आजाद – कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद ने 2022 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। ये वह दौरान पार्टी छोड़ने वाले सबसे बड़े नेताओं में से एक थे। इस्तीफा 2022 में पार्टी द्वारा झेले गए सबसे बड़े निष्कासनों में से एक था। गुलाम नबी आजाद ने अब जम्मू-कश्मीर में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से अपना दल बना लिया है।

हार्दिक पटेल – गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने मई 2022 में अपने त्याग पत्र के साथ राहुल गांधी को नाराज करते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी। राहुल गांधी हार्दिक को 2019 में पार्टी में लेकर आए थे। हार्दिक पटेल ने अपने त्याग पत्र में लिखा था कि पार्टी के ज्यादातर बड़े नेता अपने फोन में ही व्यस्त रहते हैं। अपने त्याग पत्र के बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।

अश्विनी कुमारन – पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब चुनाव से कुछ दिन पहले फरवरी 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के एक अनुभवी नेता रहे अश्विनी कुमार 2019 के चुनावों में हार के बाद पार्टी छोड़ने वाले पहले नेताओं में शामिल थे।

सुनील जाखड़ – सुनील जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस इकाई का नेतृत्व किया था। उन्होंने 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने के लिए नेतृत्व द्वारा कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद वह मई में भाजपा में शामिल हुए और उसी साल जुलाई में उन्हें बीजेपी पंजाब इकाई का प्रमुख बना दिया गया था।

आरपीएन सिंह – पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह जनवरी 2022 को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वो उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले ऐसा करने वाले सबसे प्रमुख नेता बन गए। पिछड़ी जाति के प्रमुख नेता सिंह कथित तौर पर प्रियंका गांधी के नेतृत्व वाले यूपी अभियान में साइड लाइन किए जाने से नाराज थे।

ज्योतिरादित्य सिंधिया – ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उस दौरान मध्य प्रदेश में कांग्रेस में बड़े पैमाने पर दलबदल हुआ, जिससे कमल नाथ सरकार गिर गई थी।

जितिन प्रसाद – जितिन प्रसाद पहले केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं और राहुल गांधी के बेहद करीबी मानें जाते थे। जितिन प्रसाद ने 2021 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। उस दौरान वह यूपी में कांग्रेस के शीर्ष ब्राह्मण चेहरे थे। अपने फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा था कि भाजपा एकमात्र वास्तविक राजनीतिक पार्टी है।

अल्पेश ठाकोर – कांग्रेस के पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर ने जुलाई 2019 में दो राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ मतदान करने के बाद पार्टी छोड़ दी थी। कुछ दिनों बाद वह भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें राधापुर से उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा गया, लेकिन वह चुनाव हार गए। हालांकि, पिछले साल हुए चुनाव में उन्होंने गांधीनगर दक्षिण से जीत हासिल की थी।

अनिल एंटनी – कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पिछले साल जनवरी में पार्टी छोड़ दी और अगले महीने भाजपा में शामिल हो गए थे। भारत को विकास के रास्ते पर लाने के लिए बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की।

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