भोंपूराम खबरी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने जारी बयान में कहा कि , विपक्ष बेरोजगार संघ के कंधे पर रखकर बंदूक नहीं चला रहा है बल्कि मुख्यमंत्री बेरोजगार संघ के लंबे संघर्ष और पुख्ता सूचनाओं के आधार पर सरकार द्वारा बहुत देर में कई गयी कार्यवाहियाँ के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे हैँ। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री और राज्य की पुलिस को बेरोजगार संघ द्वारा नकल के मामलों को खोलने के लिए पुरष्कृत करना चाहिए था पर वे युवाओं को लाठी-गोली से मारकर जेल भेज रहे हैं और बेरोजगारों के प्रयासों का श्रेय खुद लूट रहे हैं।
यशपाल आर्य ने कहा कि, विपक्ष ने हमेशा विधानसभा और बाहर सड़कों पर अपने धर्म का निर्वहन किया है। राज्य के मासूम बेरोजगार युवाओं जिनकी मांगे न्यायोचित थी पर सरकार और पुलिस लाठी-गोली बरसाए उन्हें लहूलुहान करे और विपक्ष से ये उम्मीद करे कि वह चुप रहे ये नामुमकिन है। कांग्रेस बेरोजगारों का हर कदम पर साथ देगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , भाजपा की सरकारें पिछले 6 साल से नकल के मामले में अपने राजधर्म निभाने में असफल रही हैं। सरकार को चुनौती देते हुए पूछा कि वह बताए कि , वीडीओ परीक्षा में नकल के लिए बनी रणबीर सिंह कमेटी की जांच रिपोर्ट किसने दबाई थी। यदि 2017-2018 में दोषियों पर कार्यवाही हो जाती तो राज्य 5 साल पहले नकल माफिया से मुक्त हो जाता। विपक्ष की मांग पर तत्कालीन सांसदीय कार्यमंत्री ने रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने का आश्वासन दिया था पर आज तक भी वह रिपोर्ट सदन के पटल पर नही रखी गयी। यशपाल आर्य ने कहा कि , अभी तक नकल के जितने भी मामले खुले हैं वे राज्य पुलिस या राज्य की अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा नही खोले गए हैं बल्कि बेरोजगारों की सूचनाओं और लंबे संघर्ष के बाद खुले हैं । हाकम सिंह से लेकर सभी नकल माफियाओं के संबंध सत्ता दल से है । मुख्यमंत्री आयोग के जिस अध्यक्ष को जेल भेजने की बात कर रहे हैं वे जानते हैं कि उनका संबंध भाजपा के पित्र संगठन से था और पिछली सरकार में वे मुख्यमंत्री के सलाहकार भी रहे थे। ऐसे में अगर बेरोजगार नकल के सभी मामलों की निष्पक्ष जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे थे तो क्या गलत था ?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, अभी भी युवाओं का सड़कों पर खून बहाने के बाद उसी रात सरकार नकल विरोधी अध्यादेश लायी है वरना विपक्ष सालों से विधानसभा में नकलविरोधी कानून लाने की मांग करता रहा है। उन्होंने कहा कि नकल के मामले में पहली रिपोर्ट दर्ज होने और नकल माफिया गिरोहों की संलिप्तता सामने आने के बाद 8 महीनों में विधानसभा का सत्र भी आहूत हुआ था सरकार की अच्छी मनसा होती तो सदन में बिल लाती और व्यापक चर्चा के बाद कानून बनता। उसके बाद भी सरकार के पास अध्यादेश लाने ले क्लियर पर्याप्त समय था विपक्ष और युवा मांग भी कर रहे थे परन्तु अध्यादेश लाने के समय से यह सिद्ध होता है कि , भाजपा सरकार में युवाओं को बिना लाठी-गोली खाये कुछ भी नही मिलेगा। उन्होंने कहा कि , उत्तरकाशी में दो दिन पूर्व युवाओं पर दर्ज मुकदमों से साफ हो गया है कि , भविष्य में सरकार और पुलिस नकलविरोधी कानून का प्रयोग भले ही नकल माफिया पर न करे लेकिन इसका युवाओं की आवाज दबाने में इसका प्रयोग होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार और राज्य पुलिस को चेताते हुए कहा कि , ” कांग्रेस पार्टी और विधानमंडल दल बेरोजगार युवाओं के संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगी । सड़क से लेकर विधानसभा तक उनकी आवाज को बुलंद करेगी और यदि जेल जाने की नौबत आती है तो वे सबसे पहले जेल जाएंगे।