भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। राजारुद्र प्रताप द्वारा बनाए गया तराई का प्रसिद्ध अटरिया मंदिर मेरे की मंहत की बजह से विवादों में घिर गया है। मंहत पर मेरे और मंदिर से होने वाली कमाई अपने परिवार पर खर्च करने के साथ मंदिर में अपराधियों को सरण देने के आरोप लगे हैं। मेला समिति के पदाधिकारियों ने एसडीएम से मिलकर मेले की जमीन का चिन्हकरण कराने के साथ मंदिर में रिसीवर युिक्त करना की मांग की है। उन्होंने एसएसपी कार्यालय में भी शिकायती पत्र देकर मंदिर में रह रहे अपराधियों पर कार्यवाही की मांग की है।
मेला सामिति के आधा दर्जन पदाधिकारी व समाजसेवियों ने एसडीएम प्रत्यूश कुमार से मुलाकात का ज्ञापन सौपा। लोगों का कहना था की अटरिया मंदिर मेले में प्रतिवर्ष 20 से 25 लाख तक का चढ़ावा व दुकानों से किराया वसूल किया जाता है। मंदिर से अन्य दिनों में भी काफी चढावा आता है। लेकिन अपने आपको मंदिर का मंहत कहने वाले पुष्प देवी पूरा पैसा अपने परिवार कर खर्च कर देती है। मेले के विकास में खर्च नही किया जाता है। लोगो ने आरोप लगाया की महत के परिवार वडा आपराधिक इतिहास है। उसके एक वेटे को हत्या के मामले आजीवन कारावास की सजा हुई है। अभी वह जमानत पर छूटा हुआ है। आरोप है की मंदिर का उसे सचिव बनाया गया है। जो अपने कुछ साथियों के साथ मंदिर में रहकर गुंडागर्दी कर रहा है। लोगों ने मांग की मेला समिति को पूर्व की भांती मेला संचालन की अनुमति देने के साथ भय का महौल पैदा करने वाले मंदिर महत के वेटे पर कार्यवाही की जाए। उन्होंने एसडीएम मंदिर की जमीन का सीमाकन करने, मंदिर में रिसीवर निकर करने व शांती व्यवस्था के तहत पुलिस फोर्स तैनात करने की मांग की है। इस दौरान मेला समिति के किशन सुखीजा, पुरुशोत्तम आरोरा, भाजपा नगर महामंत्री राधेश शर्मा, पूर्व सभासद रामवावू समेत अन्य लोग मौजूद थे।