भोंपूराम खबरी। हिमाचल की राजनीति को लेकर (Himachal Politics) घमासान मचा हुआ है। अब राज्य सभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त और सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव सहित एक निर्दलीय विधायक पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
हिमाचल में कुछ दिन पूर्व राज्यसभा की एक सीट के लिए हुई वोटिंग में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे। कांग्रेस के छह बागी विधायकों की क्रास वोटिंग के कारण सिंघवी को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। उसके बाद राज्य में सियासी घमासान उठ गया था। चर्चा होने लगी थी कि हिमाचल की सुक्खू सरकार कभी भी गिर सकती है। इसी बीच गत दिवस हिमाचल पुलिस ने हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट विधायक (अब अयोग्य करार) चैतन्य शर्मा के पिता पूर्व आईएएस राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त करने और करोड़ों के लेन-देन के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। राकेश शर्मा उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं।
रास की क्रास वोटिंग में करोड़ों खर्चने का आरोप
उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा पर राज्य सभा की क्रास वोटिंग के दौरान सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के आरोप लगे हैं। साथ ही बागी विधायकों के ठहरने के लिए आलीशान फाइव स्टार होटलों और हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था के भी आरोप पूर्व आईएएस पर लगे हैं।
पूर्व आईएएस और विधायक पर मुकदमा
पूर्व आईएएस राकेश शर्मा और निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत पर शिमला के पुलिस थाना बालूगंज में मुकदमा दर्ज किया गया है। । शिकायत में कहा गया है कि विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड में मुख्य सचिव के पद पर रहे हैं और उन्होंने सरकार गिराने के लिए साजिश रची है।
कांग्रेस सरकार में रहे थे मुख्य सचिव
राकेश शर्मा 2013 से 2016 तक उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव रहे। उनकी राजनैतिक आकाक्षाएं काफी बड़ी थी। चर्चा शुरू होने लगी थी कि रिटायरमेंट के तत्काल बाद राकेश शर्मा उत्तराखंड की किच्छा सीट से विस चुनाव लड़ सकते हैं। ये मामला काफी चर्चाओं में रहा था। उसी समय चर्चाए थी कि वह भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। कार्यकाल के दौरान राकेश शर्मा के साथ तमाम विवाद भी जुड़े रहे।