भोंपूराम खबरी। रुद्रपुर में बेशकीमती जमीनों के खुर्द-बुर्द करने का खेल यूं तो लंबे समय से चल रहा। भूमाफियाओं और सरकारी जमीनों की रखवाली करने मिलकर यह खेल रहे हैं। जिसकी जानकारी होने के बाद उच्च अधिकारी कार्यवाही के नाम सिर्फ कागजी घोड़े तो दौड़ते है। लेकिन भूमाफियाओं और खेल करने वाले सरकारी तंत्र के खिलाफ कभी कोई एक्शन नहीं होता है।
ताजा मामला शहर के किच्छा वाईपास रोड झील के समाने खसरा संख्या 01 एवं 156 के मध्य नजूल भूखंड 150 गुणा 110 अर्थात 4.07 हेक्टेयर का है। आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू द्वारा मांगी गई सूचना में इसमें बड़े खेल का खुलासा हुआ है रामबाबू कि मानें 07 दिसंबर 1988 को मछली पालन के लिए विनीत बत्रा पुत्र हरीशचंद्र, रामप्यारी पत्नी इकबाल चंद, महेंद्र चावला पुत्र चरनदास छाबड़ा, किशोर कुमार पुत्र संत लाल, राजेश कुमार पुत्र राम लाल 3.07 लाख की बोली लगाई थी सर्वोच्च बोली दाता होने के चलते उक्त लोगों के नाम यह नीलामी मछली पालन के लिए हुई थी। इधर मछली पालन के लिए नीलम हुई इस जमीन पर बड़ा खेल हो गया। बताया जा रहा कि रुप रेखा पहले ही लिखी जा चुकी थी। आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक जिस दिन बोली हुई थी उसी दिन बोली दताओं का कब्जा दे दिया गया था,वहीं नीलामी की बोली में एक सर्वोच्च बोली दाता होता है,फिर पांच लोग सर्वोच्च बोली दाता कैसे बन गए। सवाल यह भी है कि मछली पालन के लिए नीलाम हुई जमीन उन्हीं लोगों के नाम फ्री होल्ड कैसे हुई। इसको लेकर आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू का कहना कि उन्हें सूचना अधिकार के तहत नगर निगम से जमीन फ्री होल्ड करने की पत्रावली मांगी थी। लेकिन निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना में ऐसी कोई पत्रावली न होने की सूचना उपलब्ध कराई गई है, जिससे साफ है कि इस खेल में शामिल निगम के कर्मियों ने फाइल गायब कर दी है। रामबाबू के मुताबिक रुद्रपुर निवासी अमित नारंग वर्ष 2018 में इसकी शिकायत शासन से की थी, जिसपर संयुक्त सचिव तत्कालीन संयुक्त सचिव ने डीएम ऊधमसिंहनगर पत्र भेजकर रम्पुरा की खसरा नंबर 156 फ्री होल्ड विलेख को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश जारी किए थे।
लेकिन वह फाइल कागजों में दवा दी इधर पिछले वर्ष आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू ने आरटीआई के तहत मांगी सूचना में पूर्व में संयुक्त सचिव का फिर उल्लेख कर डीएम से अरबों की जमीन में हुए खेल से अवगत कराकर कार्यवाही की मांग की, जिसपर डीएम ने एडीएम नजूल से पूरे मामले की जांच कराई। एडीएम की 06 पन्नों की जांच रिपोर्ट में अरबों की जमीन में दस्तावेजों में हेराफेरी समेत बड़े खुलासे हुए हैं। 29 मई 2023 को एडीएम डीएम को डीएम को जांच रिपोर्ट भेजकर भूमि का फ्री होल्ड निरस्त करने की सिफारिश भी की है, पूरी जांच रिपोर्ट तत्कालीन डीएम युगल किशोर पंत ने संयुक्त सचिव आवास अनुभाग को भेजी है। इस मामले में 01 अगस्त को फिर अपर सचिव अंतर सिंह ने डीएम ऊधमसिंहनगर को पत्र भेजकर फ्री होल्ड हुई जमीन की जांच कराकर कार्यवाही के आदेश दिए हैं।
शासन से मिले आदेश के बाद अपर जिलाधिकारी नजूल जयभारत सिंह 21 दिसंबर 2023 को डीडीए के उपाध्यक्ष को पत्र भेजकर जमीन पर भूमाफियाओं के द्वारा वनबाए जा रहे मानचित्र व ले आउट को स्थगित करने का आदेश दिया है। एडीएम ने जमीन की खरीद फरोख्त पर भी रोक लगा