भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महानगर कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश तनेजा के आग्रह पर नगर में एक बार पुनः बाढ़ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
इस दौरान मुख्यमंत्री रावत सबसे पहले वार्ड नम्बर 4 आज़ाद नगर व वार्ड नंबर 5 मुखर्जी नगर में पहुंचे जहां सबसे ज्यादा परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। रावत ने उनसे मुलाकात की और जिलाधिकारी उधम सिंह नगर और उपजिलाधिकारी व आपदा प्रबंधन अधिकारी से मौके पर ही दूरभाष से वार्ता करी। उन्होंने शिकायत दर्ज कराई कि बाढ़ पीड़ितों के नुकसान का सही आंकड़ा अधिकारी नहीं दे रहे हैं। पीड़ितों के नुकसान का जायजा दोबारा करा कर उनको अधिक से अधिक मुआवजा दिया जाए।
रावत ने कहा कि एक पूरे परिवार के लिए 3800 रुपये का मुआवजा ऊँट के मुंह मे जीरे के समान है। जिन परिवारों का सब कुछ पानी में बह गया, मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए उनके पास खाने तक का साधन नहीं है उनको सरकार मुट्ठी भर मुआवजा देकर उनका मजाक बना रही है। कई पीड़ितों को मिले चेक बाउन्स हो गए हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए। रावत ने मांग करी की बाढ़ से छोटे व्यापारियों की दुकानों का भी भारी नुकसान हुआ है उनका भी आकलन कर उन्हें भी मुआवजा दिया जाए। रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार में जब केदारनाथ में आपदा आई थी तब सरकार ने मुआवजे से संबंधित कुछ नियम कानूनों को दरकिनार कर पीड़ितों को अधिक से अधिक मुआवजा दिया था। उसी प्रकार इस सरकार को भी कुछ नियम जो मुआवजे में आड़े आ रहे हैं उनको दरकिनार कर पीड़ित परिवारों को अधिक से अधिक मुआवजा देने का प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 10 दिन में व्यवस्था नहीं सुधरेगी तो वह स्वयं महानगर कांग्रेस कमेटी के साथ मिलकर धरने पर बैठकर इस सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। इस दौरान पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष अरुण पांडे, पूर्व पालिका अध्यक्ष मीना शर्मा, हरभजन सिंह, प्रयाग भट्ट, खजान पांडे, रईस अहमद, विनोद कोरंगा, प्रदेश सचिव परिमल राय, वरिष्ठ नेता दिलीप अधिकारी, पार्षद प्रीति साना, पार्षद सुशील मंडल, नव कुमार साना आदि कार्यकर्ता साथ थे।